scriptWest Bengal Assembly Elections 2021: चार चारणों में राहुल गांधी ने बनाई चुनाव प्रचार से दूरी, आगे भी कुछ तय नहीं | West Bengal Assembly Elections 2021: Rahul away from campaigning | Patrika News

West Bengal Assembly Elections 2021: चार चारणों में राहुल गांधी ने बनाई चुनाव प्रचार से दूरी, आगे भी कुछ तय नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Apr 09, 2021 09:16:24 am

– West Bengal Assembly Elections 2021: कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।- आखिर क्यों राहुल गांधी बंगाल चुनाव में प्रचार करते हुए नहीं दिखाई दिए।

West Bengal Assembly Elections 2021: चार चारणों में राहुल गांधी ने बनाई चुनाव प्रचार से दूरी, आगे भी कुछ तय नहीं

West Bengal Assembly Elections 2021: चार चारणों में राहुल गांधी ने बनाई चुनाव प्रचार से दूरी, आगे भी कुछ तय नहीं

शादाब अहमद
नई दिल्ली। West Bengal Assembly Elections 2021 पश्चिम बंगाल में जहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 8 में से 4 चारणों के प्रचार से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दूरी बनाए रखी है। जबकि अगले दो से तीन दिनों में राहुल का बंगाल को लेकर कोई दौरा तय नहीं बताया जा रहा है।

पांच राज्यों के चुनाव में से सबसे अधिक घमासान बंगाल में मचा हुआ है। जहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के गढ़ को भेदने के लिए भाजपा पूरे दमखम से उतरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा समेत अन्य केन्द्रीय नेता लगातार रैलियां कर रहे हैं। कई केन्द्रीय मंत्रियों ने बंगाल में डेरा डाल रखा है। दूसरी ओर कांग्रेस ने वामपंथी दलों व कुछ अन्य स्थानीय दलों के साथ गठबंधन कर 91 सीट पर चुनाव तो लड़ रही है, लेकिन प्रचार स्थानीय नेताओं के कंधों पर ही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम, केरल, तमिल नाडु और पुडुचेरी में प्रचार किया। वहीं उनकी बहन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने असम और केरल में प्रचार में जान फूंकी। इधर, बंगाल में 294 में से 91 सीटों पर मतदान हो चुका है। वहीं 10 अप्रैल को मतदान होने वाली 44 सीटों पर प्रचार समाप्त हो चुका है। इनमें से कई सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार भी खड़े हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के अधिकांश नेताओं ने प्रचार से दूरी बनाए रखी। हालांकि पार्टी नेता अब भी कह रहे हैं कि बंगाल में अभी बहुत कुछ बाकी है। जल्द ही राहुल गांधी बंगाल में नजर आएंगे।

जोखिम भरा कदम-
राजनीति के जानकारों का कहना है कि बंगाल में कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाते हुए भाजपा को परास्त करने की रणनीति पर है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का वोट बैंक लगभग एकसा है। यदि कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है। इस खतरे को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाप चुकी है, जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ लड़ाई में समर्थन देने के लिए पत्र तक लिखा था। यही वजह है कि बंगाल में बड़े पैमाने पर कांग्रेस चुनाव तो लड़ रही है, लेकिन चुनावी प्रचार में बड़े नेता कूदने से कतरा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के लिए यह जोखिम भरा कदम साबित हो सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो