समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन किया है। सपा से गठबंधन में शामिल रालोद सबसे बड़ी पार्टी है। किसान आंदोलन और जाटों को साथ लाने के लिए समाजवादी पार्टी ने इन्हें साथ जोड़ा है। रालोद को करीब तीन दर्जन सीटें दिये जाने की चर्चा है। जयंत चौधरी इस दल के मुखिया हैं।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं। यूपी में करीब 4 फीसदी और पूर्वांचल में 18-20 फीसदी राजभर वोटर्स हैं। पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों की 100 से अधिक सीटों पर राजभर वोटर हार-जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। सुभासपा का दावा है कि उसके साथ 90 से 95 फीसदी राजभर वोटर हैं।
यूपी की करीब तीन दर्जन विस सीटों और 8 से 10 लोस सीटों पर जीत की भूमिका तय करने वाली कुर्मियों की आबादी संत कबीर नगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, बाराबंकी, कानपुर, अकबरपुर, एटा, बरेली और लखीमपुर जिलों में सबसे ज्यादा है।
केशव देव मौर्य महान दल के अध्यक्ष हैं। उनका दावा है कि सूबे के छह फीसदी मौर्य मतदाताओं के साथ ही कुशवाहा, शाक्य, सैनी, कम्बोज, भगत, महतो, मुराव, भुजबल और गहलोत बिरादरी पूरी तरह से उनके साथ है।
डॉ. संजय सिंह चौहान जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के अध्यक्ष हैं। उनका दावा है कि पूर्वांचल की करीब तीन दर्जन सीटों पर चौहान (नोनिया) बिरादरी का प्रभुत्व है। खासकर मऊ, आजमगढ़, चंदौली और गाजीपुर जिले में।