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UP Assembly Elections 2022 : गठबंधन दांव से वोटों का बिखराव रोकना चाहते हैं अखिलेश यादव

locationलखनऊPublished: Nov 29, 2021 06:42:13 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

UP Assembly Elections 2022 में वोटों का बिखराव रोकने और अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव हर वर्ग के नेताओं व उनकी पार्टियों को साथ जोड़ रहे हैं। इसके अलावा सपा थिंक टैंक यह भी चाहता है कि मतदाताओं के सामने भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर समाजवादी पार्टी ही नजर आये ताकि, भाजपा विरोधी पूरा वोट सपा के खेमे को मिले।

 why akhilesh yadav alliance with 5 smaller parties before up election 2022
लखनऊ. UP Assembly Elections 2022- उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पांच छोटे दलों से गठबंधन किया है, अभी कई और कतार में हैं। इन सभी दलों की अलग-अलग क्षेत्र व समुदाय के बीच पकड़ है। 2022 के विधानसभा चुनाव में वोटों का बिखराव रोकने और अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव हर वर्ग के नेताओं व उनकी पार्टियों को साथ जोड़ रहे हैं। इसके अलावा सपा थिंक टैंक यह भी चाहता है कि मतदाताओं के सामने भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर समाजवादी पार्टी ही नजर आये ताकि, भाजपा विरोधी पूरा वोट सपा के खेमे को मिले। सपा ने अभी तक पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल और महान दल से गठबंधन किया है जबकि पूर्वांचल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जनवादी पार्टी सोशलिस्ट और अपना दल (कृष्णा पटेल) साथ हैं। शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और आजाद समाज पार्टी से भी गठबंधन की चर्चा है।
सोमवार को आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की। इससे पहले आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अखिलेश यादव से मिले थे। वहीं, चाचा शिवपाल सिंह यादव भी सपा से गठबंधन के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी पार्टी के विलय को भी तैयार हैं, लेकिन पेंच सीटों के बंटवारे का फंसा है। बीते दिनों जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राजा भैया समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। राजनीतिक विश्लेषकों मानना है कि देर-सबेर आजाद समाज पार्टी और प्रसपा, सपा में शामिल हो ही जाएंगी।
राष्ट्रीय लोकदल
समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन किया है। सपा से गठबंधन में शामिल रालोद सबसे बड़ी पार्टी है। किसान आंदोलन और जाटों को साथ लाने के लिए समाजवादी पार्टी ने इन्हें साथ जोड़ा है। रालोद को करीब तीन दर्जन सीटें दिये जाने की चर्चा है। जयंत चौधरी इस दल के मुखिया हैं।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं। यूपी में करीब 4 फीसदी और पूर्वांचल में 18-20 फीसदी राजभर वोटर्स हैं। पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों की 100 से अधिक सीटों पर राजभर वोटर हार-जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। सुभासपा का दावा है कि उसके साथ 90 से 95 फीसदी राजभर वोटर हैं।
अपना दल (कृष्णा पटेल गुट)
यूपी की करीब तीन दर्जन विस सीटों और 8 से 10 लोस सीटों पर जीत की भूमिका तय करने वाली कुर्मियों की आबादी संत कबीर नगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, बाराबंकी, कानपुर, अकबरपुर, एटा, बरेली और लखीमपुर जिलों में सबसे ज्यादा है।
महान दल
केशव देव मौर्य महान दल के अध्यक्ष हैं। उनका दावा है कि सूबे के छह फीसदी मौर्य मतदाताओं के साथ ही कुशवाहा, शाक्य, सैनी, कम्बोज, भगत, महतो, मुराव, भुजबल और गहलोत बिरादरी पूरी तरह से उनके साथ है।
जनवादी पार्टी सोशलिस्ट
डॉ. संजय सिंह चौहान जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के अध्यक्ष हैं। उनका दावा है कि पूर्वांचल की करीब तीन दर्जन सीटों पर चौहान (नोनिया) बिरादरी का प्रभुत्व है। खासकर मऊ, आजमगढ़, चंदौली और गाजीपुर जिले में।

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