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Telangana में सोमवार को क्यों रद्द करना पड़ा शपथ ग्रहण समारोह, जानिए क्या है कहानी

Telangana Congress: तेलंगाना में चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस अब तक सरकार का गठन नहीं कर पाई है।

Dec 06, 2023 / 09:35 am

Prashant Tiwari


पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस ने 10 साल से सत्ता पर काबिज भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को तगड़ा झटका देते हुए चुनाव में जीत दर्ज की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव नतीजों को राज्यपाल को सौंपने और केसीआर के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने नई सरकार के गठन के लिए आदेश दिया।

राज्यपाल के आदेश के बाद राजभवन के दरबार हॉल में सोमवार शाम को योजना के अनुसार शपथ समारोह आयोजित किया गया। रेड कार्पेट बिछाया गया, आयोजन स्थल की कुर्सियां सफेद रंग में लपेटी गई थीं। साउंड सिस्टम लगा दिए गए. यहां तक कि फूलों का भी ऑर्डर दे दिया गया था। लेकिन कांग्रेस के एक फैसले से ये पूरा शपथ ग्रहण समारोह रद्द करना पड़ा।

 

सोमवार तक विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई कांग्रेस

दरअसल, सोमवार को नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के रद्द के होने के पीछे कारण बताया गया कि नतीजे आने के बाद भी कांग्रेस अब तक सरकार नहीं बना पाई है। दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान लोग यह मानकर चल रहे थे कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वह अभियान का चेहरा और आवाज थे, जिसे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का समर्थन प्राप्त था। लेकिन कांग्रेस के अन्य दूसरे नेताओं के ऐन वक्त पर अपनी दांवेदारी पेश करने के कारण विधायक दल का नेता नहीं चुना ज सका।

पार्टी के पुराने नेता भी बनना चाहते है CM

दरअसल, तेलंगाना के पुराने कांग्रेस नेता उत्तम कुमार रेड्डी से लेकर भट्टी विक्रमार्क, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी से लेकर दामोदर राजनरसिम्हा तक अंदर ही अंदर विरोध के स्वर उठ रहे थे। उन्होंने कथित तौर पर रेवंत रेड्डी की स्पष्ट उम्मीदवारी का विरोध किया इन नेताओं का आरोप है कि रेवंत रेड्डी ने यह सिद्धांत पेश किया कि वह लोगों और विधायकों की लोकप्रिय पसंद हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाने और अन्य वरिष्ठ नेताओं को उपमुख्यमंत्री या बड़े विभागों वाले मंत्रियों के रूप में समायोजित करने के लिए समझौता फार्मूले पर काम किया गया था।

 

रेवंत के अनुभवहीनता पर उठाए सवाल

उन्होंने रेवंत रेड्डी की ‘अनुभवहीनता’ और इस तथ्य की ओर भी इशारा किया कि वह हमेशा विपक्ष में रहे हैं, कभी सरकार में नहीं। हालांकि, सबसे पुरानी पार्टी के मुखर नेताओं और उम्मीदवारों के लंबे इतिहास को देखते हुए, यह कभी भी इतना आसान नहीं होने वाला था। जो लोग सालों से पार्टी के साथ हैं, उन्होंने सोचा कि यह एकजुट होने का समय है, नेतृत्व को याद दिलाएं कि वे मूल योद्धा हैं।

रेवंत को 42 विधायकों का समर्थन

मालूम हो कि रेवंत रेड्डी ने अपने लोगों को उम्मीदवार के रूप में चुनने के लिए कड़ी मेहनत की थी। वह अच्छी तरह जानते थे कि यदि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है, तो उन्हें अपनी ही पार्टी में कोई मौका नहीं मिलेगा। अब, उनके समर्थकों का कहना है कि उनके पास लगभग 42 विधायक हैं, और उन्हें शीर्ष पद से वंचित करने से परेशानी पैदा होगी।

अब 7 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

वहीं, मामला हाईकमान के पास जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगा दी। कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को अनुमुला रेवंत रेड्डी को तेलंगाना का मुख्यमंत्री नामित किया। यह घोषणा मंगलवार देर शाम नई दिल्ली में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने की। उन्होंने बताया है कि रेवंत रेड्डी 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए सभी विधायकों और कांग्रेस आलाकमान ने सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री पद की रेस में मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी का नाम शामिल थे।

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