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Uttar Pradesh assembly Elections 2022: जानें यूपी में किसकी बनेगी सरकार, क्या कहते हैं काशी के ज्योतिषी

locationवाराणसीPublished: Mar 07, 2022 08:03:06 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

Uttar Pradesh assembly Elections 2022 के सातवें व अंतिम चरण का भी मतदान हो चुका है। अब राजनीतिक पार्टियों से लेकर आमजन और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में एक ही कौतूहल है कि अबकी किसकी सरकार बन रही है। इसे लेकर अलग-अलग तरीके से विश्लेषण किए जा रहे हैं। ऐसे में जानते हैं, काशी के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी की क्या है गणना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव

अजय चतुर्वेदी

वाराणसी. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के सातों चरण के मतदान हो चुके हैं। अब 10 मार्च को मतगणना होगी। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अपनी-अपनी गणित लगाने में जुटे है। इस बीच काशी के विख्यात ज्योतिषि पंडित ऋषि द्विवेदी ने ज्योतिषीय गणना के आधार पर भविष्यवाणी की है। पंडित द्विवेदी के अनुसार समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अन्य पार्टियों और उनके नेताओं की कुंडली के ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के मुकाबले कहां ज्यादा बेहतर नजर आ रही है। ऐसे में ज्योतिषीय गणना के हिसाब से समाजवादी पार्टी और अखिलेश की कुंडली ज्यादा मजबूत है जो अप्रत्याशित परिणाम को देने वाली साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कांग्रेस और बीएसपी की कुंडली भी उन्हें पूर्व की स्थिति से बेहतर साबित करती नजर आ रही है।
समाजवादी पार्टी और अखिलेश के ग्रह उन्हें सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाते नजर आ रहे हैं

पंडित द्विवेदी का कहना है कि समाजवादी पार्टी की कुंडली वृश्चिक लग्न, धनु राशि की है। मौजूदा समय में राहु की महादशा 21 नवंबर 2018 से 20 नवंबर 2036 तक है। वहीं राहु की महादशा में बृहस्पति का अंतर तीन अगस्त 2011 से 28 दिसंबर2023 तक है। बृहस्पति का प्रत्यंतर 28 नवंबर 2021 से 16 अप्रैल 2022 तक है। उन्होंने कहा कि जनतंत्र का कारक शनि को जनतंत्र की कुर्सी राहु तो राज्य सूर्य को माना जाता है। साथ ही राजनैतिक पार्टी में पंचम भाव पंच में व दशम भाव दशमेष के मजबूत होने से प्रदेश या देश में वो पार्टी, सत्ता में आती है। इस लिहाज से समाजवादी पार्टी की कुंडली के कुर्सी का कारक राहु व पदमेष बृहस्पति की दशा निश्चित रूपे से उत्तर प्रदेश में बढ़ी पार्टी के रूप में इस चुनाव में स्थापित होने की संभावना बता रही है है। वहीं अखिलेश यादव कुंडली कन्या लग्न मिथुन राशि की है जो केतु की दशा 18 मार्च 2017 से 18 मार्च 2024 तक है। केतु में भी शनि का अंतर 10 फरवरी 2022 से 21 मार्च 2023 तक वहीं प्रत्यंतर भी शनि का है जो 10 फरवरी 2022 से 15 अप्रैल 2022 तक है। यहां बता दें कि कन्या लग्न मिथुन राशि के लिए शनि कारक ग्रह होता है जो मौजूदा समय में अखिलेश यादव की कुंडली में चल रहा है। ऐसे में ये ज्योतिषीय गणना बताती है कि समाजवादी पार्टी की कुंडली मजबूत है जो अप्रत्यक्ष परिणाम को दिखाने वाला साबित हो सकता है।
बीजेपी, सपा, कांग्रेस, बीएसपी की कुंडली के आधार पर ज्योतिषीय गणना
बीजेपी के लिए शनि की दशा शुभ फलों में कमी ला सकता है
पंडित द्विवेदी ने पत्रिका संग बातचीत में बताया कि ज्योतिषिय गणना के अनुसार बीजपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के मुख्यमंत्री के जो चेहरे मैदान में थे चाहे जो पार्टी जिस नेता को यूपी का नेता मान कर चुनाव मैदन में उन सभी की कुंडली का ज्योतिषीय गणना के आधार पर परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के आधार पर जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार बीजेपी और योगी आदित्यनाथ की कुंडली को देखने से पता चलाता है कि इनकी कुंडली मिथुन लग्न वृश्चिक राशि की है। उधर वर्तमान में चंद्रमा की महादशा और बृहस्पति की अंतर में बुध का प्रत्यंतर चल रहा है। यानी चंद्र महादशा 20 अक्टूबर 2018 से 9 अक्टूबर 2028 तक है। इसी बीच 19 सितंबर 2021 से 19 जनवरी 2023 तक बृहस्पति का अंतर उसी में 8 फरवरी 2022 से 18 अप्रैल 2022 तक बुध का प्रत्यंतर है। उन्होंने बताया कि मिथुन लग्न के लिए चंद्र की महादशा शुभ फल में कमी लाती है। लेकिन बुध का प्रत्यंतर लाभप्रद है। यानी बीजेपी की कुंडली बता रही है कि ये ग्रह वर्तमान में बीजेपी को सामान्य फल को देने वाले होंगे, वहीं योगी की कुंडली सिंह लग्न कुंभ राशि की है। वर्तमान केतु की महादशा का शनि के अंतर में शनि का प्रत्यंतर चल रहा है। ऐसे में 17 फरवरी 2017 से केतु की महादशा शुरू हुई, तो वर्तमान में शनि के अंतर में शनि का प्रत्यंतर चल रहा है। ये 11 जनवरी से 16 मार्च तक रहेगी। पंडित द्विवेदी बताते हैं कि इन सभी गणना को मिला कर केतु की महादशा में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मुखिया बने थे। लेकिन 22 में केतु में शनि यानी सिंह लग्न के लिए शनि की दशा शुभ फलों की कमी ला सकता है। इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है।
प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस की हालत सुधरेगी
पंडित द्विवेदी के अनुसार जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो पार्टी की कुंडली मीन लग्न व कन्या राशि की है। मौजूदी समय में शनि की महादशा 6 मार्च 2022 से प्रारंभ होकर 6 मार्च 2041 तक चलेगी, जिसमें अभी शनि की महादशा में शनि का अंतर 2025 तक बना रहेगा। वो बताते हैं कि जो जमीन बृहस्पति की महादशा मे कांग्रेस के हाथ से खिसक गई थी। उस जमीन को शनि की महादशा कांग्रेस की तरफ बढ़ाती नजर आएगी। हालांकि अभी वो स्थिति नहीं है कि वो शीर्ष पर पहुंच जाए। इसमें अभी समय लगेगा। उधर प्रियंका गांधी की कुंडली मिथुन लग्न वृश्चिक राशि की है। वर्तमान में शुक्र की महादशा 13 मार्च 2004 से 13 मार्च 2024 तक है। शुक्र की महादशा में बुध का अंतर 2023 तक है। निश्चित तौर पर कांग्रेस का खिसका हुआ जनाधार तो प्रियंका गांधी को बढ़त को दिलाने वाला हो सकता है।
बीएसपी की स्थिति में होगा सुधार
पंडित द्विवेदी के अनुसार बहुजन समाज पार्टी की कुंडली देखने से पता चलता है कि मिथुन लग्न कन्या राशि की कुंडली है। इसमें वर्तमान में बृहस्पति की महादशा 2020 से 29 जनवरी2036 तक बृहस्पति की महादशा बनी रहेगी। इसी में बृहस्पति का अंतर का भी 2023 तक रहेगा। वो कहते हैं कि मिथुन लग्न के लिए बृहस्पति अकारक होता है। लेकिन मिथुन लग्न में बृहस्पति भले ही अकारक हो पर वह दशमेश भी होता है। जहां तक मायवती की कुंडली का सवाल है तो वो कर्क लग्न व मकर राशि की है। वर्तमान में बुध की महादशा 25 मार्च 2013 से 25 मार्च 2030 तक है। बुध में चंद्रमा का अंतर 22 के अंत तक है। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी अच्छी फाइट करती नजर आ रही है।
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