पिछले तीन चुनावों के परिणाम वर्ष- पार्टी-महिलाओ के वोट (प्रतिशत में) 2007-बसपा- 32 फीसद वोट
2012-सपा- 31 फीसद वोट
2017-भाजपा-41 फीसद वोट
2022 का चुनाव होगा महत्वपूर्ण महिलाओं ने दिलाई पूर्ण बहुमत की सरकार
पिछले तीन चुनावों में आधी आबादी ने ये दिखा दिया है कि उन्हें सियासत की भी अच्छी जानकारी है। वो अपने घर के साथ-साथ दुनियादारी की भी खबर रखने लगी है। राजनीति में उनकी अच्छी खासी दखलंदाजी है। ये महिलाएं ही है कि पिछले दो दशक से यूपी की सियासत की दिशा तय कर रही हैं। इनकी सक्रियता का ही परिणाम है कि दो दशक से सूबे के पूर्ण बहुमत वाली सरकार मिल रही है।
हर दल को दिखाई है ताकत
महिलाओं ने पिछले दो दशक में अपनी हनक दिखाई है। बताया है कि सियासत में उनका क्या वजूद है। वो अपने एक वोट की कीमत को पहचानने लगी है। महिलाओं के लिए पिछले चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया तो महिलाओं ने भी उसका जमकर समर्थन किया और सर्वाधिक 41 फीसद मत दे कर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया।
महिलाओं की इस हनक को देख कर ही प्रियंका ने दिया है लड़की हूं लड़ सकती हूं का स्लोगन यूपी की सियासत में महिलाओं की हनक ने ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को प्रेरित किया। नतीजा सामने है, प्रियंका गांधी वाड्रा जो खुद एक महिला है ने पार्टी का चुनावी स्लोगन दिया, लड़की हूं लड़ सकती हूं। अब ये स्लोगन कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगा ये तो 10 मार्च को ही पता चलेगा लेकिन ये तय है कि इस बार भी महिलाएं सोच समझ कर, नफा नुकासन देख कर ही ईवीएम का बटन दबाएंगी।