एथर ने आग लगने के तुरंत बाद स्वीकार किया और अब अपनी जांच के निष्कर्षों के साथ एक बयान दिया है। कंपनी का कहना है, कि जिस स्कूटर में आग लगी वह दुर्घटना प्रभावित स्कूटर था, जो फटा बैटरी पैक लेकर सर्विस सेंटर पर आया था। स्कूटर पर गंदगी थी, जिसकी वजह से सर्विस सेंटर ने स्कूटर को धोया और बैटरी पैक में दरार थी, जहां धोते समय पानी भर गया। बैटरी पैक के भीतर कोशिकाओं के आंतरिक शॉर्ट सर्किटिंग को कारण स्कूटर में आग लगी।
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कंपनी का कहना है कि स्कूटर को तब डीलरशिप पर अन्य सभी वाहनों और व्यक्तियों से अलग कर दिया गया था (हालांकि कुछ रिपोर्टों का कहना है कि इस घटना में कई अन्य स्कूटर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे), और शोरूम पर संपत्ति को भी कुछ नुकसान हुआ था, लेकिन कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ था। वहीं कंपनी ने पाया कि बैटरी के चारों ओर कुछ पेंच बदल दिए गए हैं।, और उनकी अलग-अलग लंबाई बैटरी टॉप पैनल पर तनाव बढ़ा सकती है।
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ध्यान दें, कि सप्ताह की शुरुआत में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) द्वारा एक रिपोर्ट में बताया गया था, कि इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटनाओं के कारण कई निर्माताओं को नोटिस भेजे गए। बता दें, कि इन घटनाओं के बावजूद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उद्योग बिक्री की मात्रा के मामले में इजाफा देख रहा है। हालांकि, अभी यह एक ऐसा सेगमेंट है, जिसमें काफी काम करने की जरूरत है। इसलिए, आईसीई वाहनों की राष्ट्रीय जांच के परिणाम शायद ही सार्वजनिक चर्चा का विषय रहे हों, वहीं अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नियम बदल गए हैं। सरकार ईवी में लगने वाली आग की घटनाओं को गंभीरता से ले रही है।