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Electric Scooters या मौत का सामान! Ola, Okinawa सहित कई ब्रांड्स ने वापस मंगाए 6,700 गाड़ियां

locationनई दिल्लीPublished: Apr 25, 2022 08:00:25 pm

Submitted by:

Ashwin Tiwary

बीते दिनों आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले में एक परिवार ने एक दिन पहले ही इलेक्ट्रिक बाइक खरीदी थी और बाइक की बैटरी में ब्लॉस्ट होने के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गएं। इसके अलावां बीते कुछ महीनों में Electric Scooters में आग लगने के आधे दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

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Ola Electric Scooter Catches Fire

Electric Scooters on Fire: देश की सड़कें तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रही हैं। पेट्रोल की उंची कीमत और केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी के बाद ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, ख़ासकर टू-व्हीलर सेग्मेंट में। ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी नई स्कूटर खरीदने से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों को भी विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में लगी आग की घटनाओं ने लोगों को अपने फैसले पर पुन: विचार करने को मजबूर कर दिया है।

बीते कुछ महीनों में देश में आधे दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां पर इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक में आग लगी है। वाहन निर्माताओं ने तो इन घटनाओं को जांच का विषय कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन एक आम आदमी के जेहन में ये किसी अबूझ सवाल की तरह पैबस्त हैं, कि क्या इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना सुरक्षित फैसला होगा? बीते दिनों आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले में एक परिवार ने एक दिन पहले ही इलेक्ट्रिक बाइक खरीदी थी और बाइक की बैटरी में ब्लॉस्ट होने के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गएं।

विजयवाड़ा की घटना कई मायनों में बेहद ही संवेदनशील है। क्योंकि इस घटना में आग उस वक्त लगी जब पूरा परिवार आधी रात को गहरी नींद में था और स्कूटर में दिए जाने वाले रिमूवेबल बैटरी को निकाल कर घर के ही बेडरूम में एक स्टूल पर रखकर चार्ज किया जा रहा था। स्थानीय पुलिस के अनुसार अचानक बैटरी में ब्लास्ट हुआ और पूरे घर में आग लग गई। चूंकि घर छोटा था तो वेंटिलेशन की भी समस्या थी, और धुआं घर से बाहर नहीं निकल पाया। धुएं और आग की ज़द में फंसा पूरा परिवार बुरी तरह झुलस गया, जिसमें 40 वर्षीय शिव कुमार की मौत हो गई और उनकी पत्नी और दो बेटियां गंभीर रूप से झुलस गईं।

इससे पहले Ola की इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाजार में आने से महीने दिन के भीतर ही इसके एक स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी। वहीं Pure EV और Okinawa के इलेक्ट्रिक स्कूटर भी जलकर खाक हो चुके हैं। हद तो तब हो गई, जब Jitendra EV के तकरीबन 40 स्कूटरों में उस वक्त आग लग गई जब उन्हें फैक्ट्री के ही सामने लोड किया गया था। हालांकि इस मामले में आग लगने का कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन जानकारों का मानना है कि शॉर्ट सर्किट के चलते स्कूटरों में आग लगी थी।

क्या कर रही हैं सरकार:

आग की घटनाओं ने सरकार ने एक जांच कमेटी बनाने की घोषणा की है और कंपनियों को लापरवाही बरतने पर दंड की चेतावनी दी थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के सामने आने के बाद कहा था कि, मंत्रालय (MoRTH) ने ईवी निर्माण के मुद्दों की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो कि विशेष रूप से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगा। गडकरी ने वाहन निर्माता कंपनियों को निर्देशित किया था कि, वो समय रहते अपने वाहनों का रिकॉल कर उसकी जांच कर लें, नहीं तो इस तरह की आग लगने की घटना होने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

सरकार की सख्ती के बाद इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने थोड़ी तेजी दिखाई है और कई कंपनियों ने अपने वाहनों को रिकॉल किया है। Ola Electric ने कुल 1,441 स्कूटरों को वापस मंगवाया है। वहीं Pure EV ने हाल ही में तकरीबन 2,000 स्कूटरों का रिकॉल किया है। इसके अलावा Okinawa ने अपने मशहूर मॉडल Praise Pro के कुल 3,215 यूनिट्स को मंगाया है।

आग की बढ़ती घटनाओं के बीच कंपनियों द्वारा वाहनो को वापस मंगवाया जाना एक बड़ा संकेत है। लेकिन कंपनियां इस रिकॉल को रेगुलर व्हीकल हेल्थ चेक-अप प्रोग्राम बता रही हैं। ओकिनावा का कहना है कि वो अपने वाहनों के बैटरी और अन्य कंपोनेंट्स की जांच करेगा और जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव भी किया जाएगा। कुल मिलाकर बीते कुद दिनों में अलग-अलग कंपनियों ने लगभग 6,700 गाड़ियों को वापस मंगवाया है।


इलेक्ट्रिक स्कूटरों में क्यों लग रही है आग:

अभी तक वाहनों में आग लगने के जितने भी मामले हुए हैं उनमें अभी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि गर्मी के मौसम शुरू होते ही इन घटनाओं में तेजी आई है। इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है, जो सेलफोन और स्मार्टवॉच में भी उपयोग किए जाते हैं, जिन्हें आमतौर पर उनके समकक्षों (अन्य बैटरियों) की तुलना में ज्यादा बेहतर और हल्का माना जाता है। हालाँकि, वे आग का खतरा भी पैदा कर सकते हैं, जैसा कि हाल की घटनाओं से पता चलता है।

सामान्य तौर पर एक वाहन में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं। मसलन, एक्सटर्नल डैमेज, शॉट सर्किट या बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम में आई तकनीकी खराबी इत्यादि। जानकारों का मानना है कि, तापमान, लथियम-आयन बैटरी पैक में एक मुश्किल भूमिका निभाता है। “जबकि ली-आयन बैटरी आमतौर पर गर्म तापमान में बेहतर प्रदर्शन करती है, लेकिन जब मामला उच्च तापमान का होता है, जब बैटरी पैक का एम्बीएंट तापमान 90-100 डिग्री तक बढ़ सकता है, तो संभव है कि आग लग जाए।

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