इस कार को पेश करने के दौरान ही चंद्रशेखरन ने कहा कि, "हम पूंजी के संदर्भ में, प्रतिभा के संदर्भ में और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के संदर्भ में इलेक्ट्रिक व्हीकल लीडरशिप के इस यात्रा में सीमित नहीं रहेंगे।" हालांकि उन्होंने अभी इसके डिटेल्स के बारे में कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है लेकिन, ये स्पष्ट है कि घरेलू बाजार में बैटरियों के उत्पादन का सीधा असर वाहनों की कीमत पर भी सकारात्मक देखने को मिलेगा। अब तक भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार बैटरियों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है।
कंपनी की योजना केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के बैटरी मैन्युफैक्चरिंग तक ही सीमित नहीं है। सेमीकंडक्टर्स टाटा समूह की सूची में अगले स्थान पर हैं क्योंकि कंपनी वैश्विक चिप संकट के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहती है। चंद्रशेखरन ने कहा, "हम पहले से ही इस तरह का निर्माण कर रहे हैं, जैसे टाइटन कंपनी जो उच्च-सटीक उत्पादों का उत्पादन करती है, और सेमीकंडक्टर्स का निर्माण भी काफी हद तक ऐसा ही है।"

टाटा मोटर्स, पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने FE को बताया कि “टाटा मोटर्स वर्तमान में ईवी बैटरी के कुछ कंपोनेंट्स, जैसे सेल का आयात करती है, और स्थानीय स्तर पर बैटरी पैक को असेंबल करती है। उन्होनें कहा कि, “हम मॉड्यूल भी असेंबल कर रहे हैं बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम को स्वदेशी रूप से विकसित करने की प्रक्रिया में हैं। वास्तव में, बैटरी पैक बनाने में बहुत सी चीजें स्थानीयकृत की जा रही हैं, लेकिन सेल के लिए अभी भी कुछ समय लगेगा।”
बता दें कि, सेल ईवी बैटरी के सबसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स में से एक है। इलेक्ट्रिक वाहनों की टोटल कॉस्टिंग में बैटरी की कीमत सबसे ज्यादा होती है और टाटा मोटर्स द्वारा वाहनों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बैटरियों का स्थानीय निर्माण वाहनों की कीमत को कम करने में मदद करेगा। टाटा मोटर्स ने शुक्रवार को अपनी बोर्न-इलेक्ट्रिक प्योर ईवी आर्किटेक्चर भी लॉन्च किया, जिस पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन विकसित किए जाएंगे। इस आर्किटेक्चर पर पहली कार 2025 में लॉन्च की जाएगी। कंपनी का दावा है कि इस आर्किटेक्चर पर बनी AVINYA कॉन्सेप्ट कार सिंगल चार्ज में 500 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देगी।