आयुक्त कियावत ने संयुक्त संचालक, जिला शिक्षाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि छह अक्टूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, भर्ती अधिनियम-2015 के अंतर्गत अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों की नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाती है।
आयुक्त के इस आदेश से प्रदेश के ढाई लाख अध्यापकों का शिक्षक बनने का सपना अधूरा रह गया। अध्यापकों में सरकार के रवैए को लेकर खासी नाराजगी है, हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं कि सरकार की संविलियन की जब मंशा ही नहीं थी तो क्यों उन्हें बीते कई सालों से लुभाया जा रहा था। अध्यापक अपने को छला महसूस कर रहे हैं।
वर्तमान में अध्यापक नगरीय निकाय और पंचायतों के अधीन आते हैं, यह शिक्षा विभाग के कर्मचारी नहीं है। राज्य सरकार ने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर उन्हें शिक्षक बनाने का ऐलान किया था, मगर घोषणा पूरी नहीं हो पाई।