सरकार ने वर्ष 2002 में तीसरी संतान की स्थिति में पदोन्नति पर रोक के साथ ही चौथी संतान होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रावधान किया था। दो साल पहले सरकार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में राहत दी थी और उसके बाद पदोन्नति के मामले में भी राहत दी, लेकिन अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया।
अब सरकार ने इस नियम को भी हटाने का निर्णय किया है। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने पत्रकारों को जानकारी दी। कैबिनेट में निवेश के 13 प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इससे प्रदेश में करीब 6 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से करीब 15 हजार से ज्यादा रोजगार सृजन की उम्मीद व्यक्त की गई है। किसानों को 31 अगस्त तक 5 हजार करोड़ के ऋण दिए जाएंगे।