दोनों संगठनों में टकराव के हालात होने से आशंकित सिंधी कैम्प बस स्टैंड प्रशासन ने 150 पुलिसकर्मी तैनात करने के लिए पुलिस कमिश्नरेट को पत्र भेजा। दोनों संगठन सातवां वेतनमान लागू कराने पर अड़े हैं लेकिन सरकार आर्थिक भार देख रही है। इससे सरकार पर 22 करोड़ रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त भार पड़ेगा। जबकि सरकार हर माह रोडवेज को 45 करोड़ रुपए दे रही है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि 150 करोड़ में से रोडवेज प्रशासन को 48 करोड़ रुपए दे दिए गए हैं। अगले 2-3 दिन में 50 करोड़ रुपए और जारी कर दिए जाएंगे। शेष राशि भी जल्दी ही दे दी जाएगी ताकि रिटायर्ड कर्मियों को भुगतान हो सके। सातवें वेतनमान पर मंत्री ने कहा कि कमेटी की 3 बैठकें हो चुकी हैं, रिपोर्ट आने पर फैसला किया जाएगा।
आज यह हो सकती है परेशानी
-10.5 लाख लोग सफर करते हैं राज्य में रोडवेज बसों में रोजाना, आज संभव है कि बस न मिले
-4716 बसें बंद रखने का है ऐलान, जो रोजाना 16.50 लाख किमी चलती हैं
-5.30 करोड़ रुपए आय होती है रोजाना रोडवेज को, जिससे हाथ धोना पड़ सकता है
-1300 बसें नहीं चलेंगी सिन्धी कैम्प बस स्टैंड से, इससे 55 हजार यात्री होंगे प्रभावित
-11 राज्यों में जाती हैं रोडवेज बसें, वे भी नहीं जाएंगी
-सरकार मांगें पूरी करने के लिए तैयार नहीं है। सातवें वेतनमान की मांग ठंडे बस्ते डालना चाहती है। हम हड़ताल पर रहेंगे। किशनसिंह राठौड़, महासचिव, सीटू यूनियन