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राजस्थान रोडवेज चक्काजाम : प्रदेश में थमी रहीं बसें, सफर के लिए हांफते रहे यात्री

Published: Sep 19, 2018 11:47:45 am

सातवें वेतनमान सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहने के कारण राज्य में रोडवेज बसें और जयपुर में सिटी (लो फ्लोर) बसें मंगलवार को दूसरे दिन भी नहीं चलीं।

RSRTC Chakkajam

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सातवें वेतनमान सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहने के कारण राज्य में रोडवेज बसें और जयपुर में सिटी (लो फ्लोर) बसें मंगलवार को दूसरे दिन भी नहीं चलीं। ऐसे में बस स्टैंडों सहित सिटी बस स्टॉपों पर लोग बे-बस नजर आए। जिन्हें हड़़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी, वे सिंधी कैम्प बस स्टैंड पहुंचकर परेशान होते दिखे। सिन्धी कैम्प, नारायण सिंह सर्कल, चौमू पुलिया आदि बस स्टैंडों के आसपास बड़ी संख्या में लोग बसों का इन्तजार करते रहे। यात्रियों की शिकायतें थीं कि निजी बस संचालकों ने मनमाना किराया वसूला। उधर, हड़ताल के कारण नुकसान की आशंका में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से भी बसें कम ही पहुंचीं। टेम्पो और मिनी बसों में लोग लटकते हुए सफर करते नजर आए।

अनुमति नहीं, रामनिवास बाग में 20 को जुटेंगे मंत्रालयिक कर्मी
जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के 20 सितम्बर से शुरू होने वाले महापड़ाव को पुलिस ने मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में महासंघ ने आंदोलन के तहत सामूहिक अवकाश के साथ राज्यभर से हजारों मंत्रालयिककर्मियों को रामनिवास बाग में बुलाया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा, अब 9 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से राज्यभर के मंत्रालयिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। महापड़ाव के लिए उपयुक्त स्थान बताने के लिए पुलिस से स्वीकृति मांगी गई लेकिन पुलिस ने न तो स्थान बताया, न इसकी स्वीकृति दी। ऐसे में गुरुवार को महापड़ाव के लिए कर्मचारी रामनिवास बाग में एकत्र होंगे। यहां से सभी सचिवालय के लिए कूच करेंगे। इससे पहले कर्मचारी नेताओं ने मुख्य सचिव और पुलिस के अफसरों से वार्ता की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

नर्सिंगकर्मी दे रहे क्रमिक धरना
नर्सिंग संवर्ग की मांगों को लेकर राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन व राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन एकीकृत आंदोलनरत हैं। प्रदेश प्रवक्ता विनीता शेखावत ने बताया कि 11 सूत्री मांग पत्र पर मंत्रीमंडलीय एवं प्रमुख शासन सचिव स्तर पर कई बार वार्ता होने के बावजूद सहमति बिंदुओं को लेकर राज्यादेश जारी नहीं किए गए है। नर्सेज की प्रमुख मांगों में केन्द्र के समान वेतन-भत्ते, नर्स ग्रेड प्रथम व द्वितीय के पदनाम बदलकर केन्द्र के अनुरूप सीनियर नर्सिंग अािकारी एवं नर्सिंग अधिकारी करना है।

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