scriptअनुभवों का लाभ उठाने का वक्त आता है तो कर देते हैं रिटायर | When time is ripe to take advantage of experience, judges are retired | Patrika News

अनुभवों का लाभ उठाने का वक्त आता है तो कर देते हैं रिटायर

Published: Aug 05, 2018 02:39:23 pm

जैसे-जैसे देश की अदालतों में मुकदमों के ढेर, टीलों का रूप लेते जा रहे हैं, वैसे-वैसे यह विचार चर्चा के शीर्ष पर स्थान पाता जा रहा है……

Retirement

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जैसे-जैसे देश की अदालतों में मुकदमों के ढेर, टीलों का रूप लेते जा रहे हैं, वैसे-वैसे यह विचार चर्चा के शीर्ष पर स्थान पाता जा रहा है कि उच्च न्याय पालिका के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि कर देनी चाहिए। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जज की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा कर क्रमश: 62 से 65 व 65 से 68 कर देनी चाहिए। इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है की जब एक जज अनुभवी होकर मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने लगता है, उसको रिटायर कर दिया जाता है।

कोई नया नियुक्त हुआ जज तुलनात्मक रूप से उतना तेज कार्य नहीं कर पाता और मुकदमों की संख्या बढ़ती जाती है। जस्टिस वेंकटचलिआ ने सन 2002 में दी गई अपनी रिपोर्ट में जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की अनुशंसा की थी। 2010 में 114वां संविधान संशोधन बिल लाकर हाईकोर्ट न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ा कर 65 करने का असफल प्रयास किया गया।

इन दिनों सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस कुरियन जोसेफ के विचारोत्तेजक वक्तव्य से सेवानिवृत्ति आयु का यह मुद्दा फिर गर्मा गया है। अमरीकी सुप्रीम कोर्ट तथा ऑस्ट्रिया व ग्रीस के संवैधानिक अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति सम्पूर्ण जीवन काल के लिए होती है। बेल्जियम, आयरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, नीदरलैंड व ऑस्ट्रेलिया में जज की सेवानिवृत्ति आयु 70 वर्ष है। जबकि कनाडा और जर्मनी में जज क्रमश: 75 व 68 वर्ष में रिटायर होते हैं।

पिछले दिनों यह चर्चा जोरों पर थी कि केंद्र सरकार लोकसभा के इसी मानसून सेशन में बिल ला रही है जिसमें हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जज की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा कर क्रमश: 64 व 67 की गई है। यह समाचार केंद्र सरकार के निकटस्थ सूत्रों पर आधारित बताया गया था। लेकिन केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसका खंडन करते हुए इससे इनकार कर दिया।
इस विषय पर कई बार चर्चा में उफान आया है लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है। मेरा निजी विचार तो यही है की यदि न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा दी जाय तो इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।

शिवकुमार शर्मा
पूर्व न्यायाधीश,राजस्थान हाईकोर्ट
पूर्व सदस्य, भारतीय विधि आयोग

 

जजों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा कर 70 साल की जानी चाहिए
&बड़ी तादाद में लंबित मामलों के निपटारे के लिए जजों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट और सभी हाईकोर्ट के मामले में जजों की रिटायरमेंट उम्र 70 साल की जानी चाहिए। ऐसी इच्छा रखने वालों जजों के लिए यह विकल्प होना चाहिए। – जस्टिस कुरियन जोसेफ

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