खुलासा : ऑटो रिक्शा यूनियन के नाम पर चला रखा है गोरखधंधा
auto union
उमेश भारद्वाज @ आरटीओ ऑफिस में आपने अब तक एजेंटों की घुसपैठ तो सुनी है, लेकिन पत्रिका एक्सपोज स्टिंग में इस बार एक ऑटो यूनियन के अध्यक्ष को बेनकाब किया जा रहा है।
कथित यूनियन अध्यक्ष ने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया कि वो चाहे जितने परमिट अंदर (आरटीओ की परमिट शाखा) से दिलवा सकता है। इसके बदले हर परमिट पर 21 हजार रुपए चुकाने होंगे। इस 21 हजार का हिसाब-किताब बताते हुए इस शख्स ने कहा तमाम अधिकारियों को पैसा बांटना पड़ता है।
भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके आरटीओ ऑफिस के ठीक बाहर और आरटीओ के कैबिन से महज 50 कदम की दूरी पर एक अस्थायी टपरे में मौजूद है एआरयू का दफ्तर। एआरयू यानी ऑटो रिक्शा यूनियन और दफ्तर के मालिक का नाम है इकरार अहमद। इकरार खुद को इस यूनियन का अध्यक्ष बताते हैं, लेकिन यूनियन का काम कमीशन लेकर ऑटो वालों सिटी परमिट दिलवाना है। इसलिए कि इकरार अहमद एक स्टिंग ऑपरेशन में यह कहते हुए बेनकाब हो चुके हैं कि वे ऑटो परमिट दिलवा सकते हैं, लेकिन उसके लिए पैसा बांटना पडेगा।
स्टिंग ऑपरेशन वक्त : शाम 4.45 स्थान : परमिट शाखा दफ्तर आरटीओ यहां ऑटो परमिट शाखा है, जहां दो विंडो थी। इनमें से एक विंडो से रिपोर्टर ने मौजूद महिला कर्मचारी से परमिट कैसे मिलेगा, यह जानकारी ली।
-ऑटो के लिए परमिट चाहिए। -योजना में मिल रहे हैं ले लो। -बिना योजना वाला कहां से मिलेगा? -कार्यालय परिसर में मौजूद अधिकारियों से पता कर लो। -कौनसे अधिकारी से मिलना है? -आरटीओ साहब से मिल लो। हम उन्हें नहीं जानते, कोई और तरीका हो तो बताएं। (अपनी कुर्सी पर बैठी महिला कर्मचारी ने यहां कोई बात नहीं की, लेकिन अपने कक्ष से बाहर आने के बाद रिपोर्टर को साथ लेकर आगे बढ़ी और चलते-चलते कहा कि बाहर ऑटो यूनियन वाले बैठते हैं, वहां जाकर मिल लो)
हमारे यहां से परमिट सिर्फ योजना के तहत आने वाले आवेदकों को दिया जा रहा है, बाकी को नहीं। मैं आज ही यह आदेश निकाल रहा हूं कि तत्काल प्रभाव से सभी ऑटो परमिट बंद किए जाएं। -एमपी सिंह,आरटीओ