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Film Review: ‘बाहुबली’ से एक कदम आगे ‘बाहुबली 2’, कहानी से निर्देशन आैर एक्टिंग से एक्शन तक है धांसू

Published: Apr 28, 2017 04:43:00 pm

Submitted by:

Abhishek Pareek

कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? दर्शक पिछले दो वर्ष से जिस सवाल के जवाब का इंतजार कर रहे थे, वह आज ‘बाहुबली 2’ यानी ‘बाहुबली: द कॉन्क्लूजन’ के रिलीज होने के साथ सामने आ गया।

कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? दर्शक पिछले दो वर्ष से जिस सवाल के जवाब का इंतजार कर रहे थे, वह आज साल की मच अवेटेड फिल्मों में से एक और ‘बाहुबली 2’ यानी ‘बाहुबली: द कॉन्क्लूजन’ के रिलीज होने के साथ सामने आ गया। एस.एस राजामौली के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रभास, राणा दग्गुबत्ती, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया, सथ्यराज, राम्या कृष्णन जैसे सितारे है। फिल्म तमिल, तेलुगू, हिन्दी और मलयालम भाषाओं में रिलीज हुई थी। यह फिल्म ‘बाहुबली: द बिगनिंग’ की प्रीक्वल है।
कहानी

फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां कटप्पा शिवा यानी महेन्द्र बाहुबली(प्रभास) को यह बताता है कि उसने अमरेन्द्र बाहुबली(प्रभास) को क्यों मारा। अमरेन्द्र बाहुबली का राज्याभिषेक माहिष्मती के राजा के तौर पर होने वाला होता है। रानी शिवगामी (राम्या कृष्णन) के आदेश पर बाहुबली कटप्पा के साथ देशाटन पर निलता है जहां उसकी मुलाकात दूसरे राज्य की राजकुमारी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) से होती है और दोनों के बीच प्यार हो जाता है। यहां फिल्म में कुछ कॉमेडी सीन हैं भी है जो आपको हंसने पर मजबूर करेंगे। 
इसी बीच बाहुबली के सौतेले भाई भल्लालदेव (राणा दग्गुबत्ती) को भी देवसेना के बारे में पता चलता है और वह भी उस से शादी करना चाहता है। इस लव ट्राएंगल के साथ फिल्म आगे बढ़ती है। भल्लालदेव अपने पिता बिज्जालदेव (नासिर) के साथ मिल कर बाहुबली के खिलाफ षडयंत्र रच राज्य का राजा बन जाता है । बाहुबली को सजा के तौर पर राजमहल से बाहर निकाल दिया जाता। सिंहासन का वफादार सैनिक कटप्पा बाहुबली की हत्या कर देता है और कहानी फ्लैशबैक से बाहर आती है, जिसके बाद पिता की हत्या का बदला लेने के लिये महेन्द्र बाहुबली भल्लालदेव को चुनौती देता है। हालांकि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, यह बता कर हम फिल्म देखने का आपका मजा किरकिरा नहीं करना चाहते। 
निर्देशन

‘बाहुबली: द बिगनिंग’ से जो उम्मीदें एस.एस राजामौली ने जगार्इ थीं, उससे बढ़ कर है ‘बाहुबली 2’। कहानी की कसावट के साथ एक्शन, कॉस्ट्यूम और सेट की भव्यता समेत हर मामले में राजमौली ने बारीकी से काम किया है और वह फिल्म में दिखता भी है। दंड संहिता, शपथ ग्रहण और गार्ड ऑफ ऑनर जैसी चीजों को फिल्म में शामिल कर उन्होंने इसे खास बनाया है। 
अभिनय

बाहुबली के किरदार में प्रभास और भल्लालदेव के किरदार में राणा दग्गुबत्ती ने कमाल का काम किया है। कटप्पा के किरदार में सथ्यराज भी खूब जमे है, गंभीर किरदार के साथ फिल्म में उनका कॉमिक अंदाज आपको पसंद आयेगा। नासिर ने भी अपने किरदार से बखूबी न्याय किया है। देवसेना के रूप में अनुष्का शेट्टी और महारानी शिवगामी के किरदार में राम्या कृष्णन ने दमदार अभिनय का परिचय दिया। तमन्ना भाटिया के लिये इस फिल्म में करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है। 
गीत संगीत

फिल्म के हिन्दी संस्करण में सबसे कमजोर पहलू फिल्म के गाने है। हालांकि बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है लेकिन गाने के बोल जुबां पर नहीं चढ़ते। 

देखें या ना देखें
भारतीय सिनेमा की इस सबसे भव्य फिल्म में सब कुछ कमाल का है। बेहतरीन कहानी, दमदार अभिनय और भव्य सेट के साथ-साथ फिल्म में वीएफएक्स का इस्तेमाल भी शानदार तरीके से किया गया है। कमाल के वीएफएक्स के कारण 2डी बनीं यह फिल्म 3डी की तरह लगती है। फिल्म के हर फ्रेम को इतनी बारीकी और खूबसूरती से बनाया गया है कि पर्दे से आपकी नजरें नहीं हटेंगी। हिन्दी में डब होने के बाद भी संवाद दमदार हैं। इसमें कोई शक नहीं कि तकनीक के मामले में हॉलीवुड फिल्मों को टक्कर देती ‘बाहुबली’ को भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर माना जाएगा। ‘बाहुबली’ से जो उम्मीदें जगी थीं ‘बाहुबली-2’ उससे बढ़ कर है।
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