नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की सभी 243 सीटों के रुझाने आ चुके हैं। रुझानों से साफ है कि सूबे की सत्ता एक बार फिर नीतीश कुमार के हाथों में होगी। नीतीश कुमार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। वहीं चुनावों में एनडीए की करारी हार हुई है। आईए एक नजर डालते हैं महागठबंधन की जीत पांच बड़े कारणों पर… 1. नीतीश कुमार की साफ छवि बिहार की जनता की नजर में नीतीश कुमार साफ-स्वच्छ छवि वाले नेता है। यही वजह है कि उन्हें तीसरी बार सत्ता सौंपी जा रही है। 2. लालू से गठबंधन आरजेडी प्रमुख लालू यादव से गठबंधन करने से नीतीश कुमार मुसलमानों के सारे वोट मिले। 3. भाजपा का बिना मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव में उतरना बिहार में महागठबंधन ने अपना नेता नीतीश कुमार को घोषित किया था, जबकि भाजपा बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी। 4. सांप्रदायिकरण का नहीं होना बिहार के अब तक आए रुझानों से साफ है कि बिहार में वोटिंग सांप्रदायिक बुनियाद पर नहीं हुई। वोटों को ध्रुवीकरण नहीं हुआ, जैसा कि भाजपा चाहती थी। 5. जाति आधारित वोटों का ध्रुवीकरण अब तक नतीजों से ये भी साफ है कि बिहार में वोटिंग में जाति का असर देखा जा रहा है। नीतीश-लालू को हर जाति के वोट मिले हैं।