वैसे बोमन खुद बताते हैं कि अभिनय उनका पहला प्यार नहीं रहा। वह हमेशा से ही एक स्ट्रगलिंग फोटोग्राफर थे। बतौर फोटोग्राफर उनकी किस्मत तब चमकी जब उन्हें बॉक्सिंग वर्ल्ड कप के दौरान एक मैगजीन के लिए फोटो खींचने का मौका मिला।
बोमन ने कुछ समय तक चिप्स भी बेंचने का काम भी किया। फिर वो एक थियटर से जुड़े जहां कुछ नाटकों में काम करने के बाद उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका मिला।
मुंबई के एक पारसी परिवार में जन्में बोमन ने स्नातक के बाद एक पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा भी हासिल किया है। हालांकि कॉलेज के दिनों में बोमन ने अभिनय किया था लेकिन कभी भी इसे पेशा बनाने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन क्या पता क्या मन में आया और वह थियटर से जुड़ गए, और कई नाटकों में उन्होंने काम भी किया।
थियटर से जुड़ने के बाद बोमन को जल्द ही कुछ विज्ञापनों में भी काम करने का मौका मिल गया। और, विज्ञापनों में नजर आने के बाद बॉलीवुड के कुछ निर्माता-निर्देशकों की नजर उन पर पड़ी और सबसे पहले फिल्म जोश में उन्हें काम करने का मौका मिला।
लेकिन उनके शानदार अभिनय पर दर्शकों की नजर उनकी फिल्म ‘मुन्ना भाई एम.बी.बी एस’ पर पड़ी। इस भूमिका के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड बेस्ट कॉमेडियन भी मिला। उसके बाद बोमन ईरानी को मैं हूं ना, लगे रहो मुन्ना भाई, दोस्ताना, वक्त, नो एंट्री, थ्री इडियट्स में भी उनकी भूमिका को काफी सराहना मिली। इसके अलावा फरारी की सवारी में भी उनके अभिनय को खूब सराहा गया।
वो सिर्फ बढ़िया अभिनेता ही नहीं बल्कि अच्छे प्रस्तुता भी हैं। और कई साल वह आईफा अवार्ड के प्रस्तुता रह चुके हैं। इसके अलावा टीवी पर वह एक गेम शो को भी संचालित कर चुके हैं। उनकी पत्नी का नाम जेनोबिया है जिनसे उनके दो बेटे दानेश और कायोजे हैं।