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संजय दत्त की जल्द रिहाई बनी सिरदर्द, अब बॉम्बे HC ने सरकार से पूछा- किस आधार मिली अभिनेता को छूट

Published: Jun 12, 2017 08:58:00 pm

सुनवाई के दौरान जस्टिस सावंत ने पूछा कि क्या पुलिस इंसपेक्टर जनरल (कारागार) से सलाह की गई थी या फिर सीधे गवर्नर को सुझाव भेजा गया था।

sanjay dutt

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से अभिनेता संजय दत्त की जेल से जल्द रिहाई को लेकर सवाल किया है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि मुंबई साल 1993 में हुए सीरियल बम धमाके के आरोपी रहे संजय दत्त को किस आधार पर जेल से जल्दी रिहा करने का फैसला किया गया था। साथ ही कहा कि 8 माह पूर्व छूटने वह रिहा हो गए थे। लेकिन अधिकांश समय वह पैरोल पर जेल से बाहर ही रहे हैं। इस पर सरकार सफाई दे। 
अभिनेता संजय दत्त को 1993 बम धमाके के मामले में 5 साल की सजा सुनाई मिली थी। उन पर हथियार रखने के आरोप लगे थे। और हथियारों उसी खेप का हिस्सा थी, जिनका इस्तेमाल बम धमाकों में किया गया था। संजय दत्त ने अपनी सजा महाराष्ट्र के यरवाडा सेंट्रल जेल में काटी। जहां उन्हें अच्छे व्यवहार के कारण साल 2016 के फरवरी माह में समय से पहले ही रिहा कर दिया गयाथा। 
सोमवार को जस्टिस आरएम सावंत और साधना जाधव की बेंच ने सरकार से इस मामले में एक हलफानामे के जरिए मांग की। जिसमें पूछा गया कि संजय दत्त को रिहा करने से पहले किस तरह की प्रक्रिया और मानकों का पालन किया गया था। तो वहीं सुनवाई के दौरान सजा के दौरान संजय दत्त को मिली पैरोल और फरलो को भी चुनौती दी गई है। 
इस मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सावंत ने पूछा कि क्या पुलिस इंसपेक्टर जनरल (कारागार) से सलाह की गई थी या फिर सीधे गवर्नर को सुझाव भेजा गया था। अधिकारियों ने कैसे फैसला किया कि संजय दत्त का आचरण अच्छा है। वहीं इस मामले पर हाईकोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। 
गौरतलब है कि 2007 में संजय दत्त को 6 साल की सजा हुई थी। और मुंबई टाडा अदालत ने उनपर 25 हजार रुपए के जुर्माना लगाए थे। तब 18 महीने की सजा काटने के बाद वह बाहर आ गए थे। लेकिन 2013 में कोर्ट ने एक बार फिर उन्हें बाकी की सजा काटने के लिए पुणे जेल भेज दिया था। जहां से वह फरवरी 2016 में रिहा कर दिए गए थे। 
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