डॉक्टर और कर्मचारी आपस में बांट लेते हैं रुपए शाहजहांपुर जिला महिला अस्पताल में रोजाना 30 से 40 बच्चों का प्रसव कराया जाता है। वैसे तो संस्थागत प्रसव पर सरकार की तरफ से जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिला को 1400 और शहरी क्षेत्र की महिला को 1000 रुपए दिए जाते हैं लेकिन इस अस्पताल में बच्चे का जन्म होते ही प्रसूति महिलाओं के परिजनों से वसूली शुरू हो जाती है। यहां डाक्टर और कर्मचारी लड़की होने पर नजराने के नाम पर 1100 रुपए वसूलती है और लड़के का जन्म होने पर 21 रूपए वसूलती है। पैसा न देने पर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती करके उन्हें परेशान किया जाता है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई नजराने के नाम पर वसूली का ये सिलसिला पिछले लम्बे समय से चला आ रहा है। एक आंकड़ों की मानें तो इस अस्पताल में नजराने के नाम पर पचास हजार से ज्यादा की वसूली गरीब महिलाओं से की जाती है। इस वसूली से सबसे ज्यादा परेशानी उन गरीब महिलाओं के परिवार को होती है जिनके पास नजराने के लिए देने के लिए पैसे नहीं होते हैं। जिला महिला अस्पताल में अवैध वसूली का ये सिलसिला लगातार जारी है। आलम ये है कि जननी सुरक्षा योजना में जितना पैसा सरकार प्रसूति महिला को देता है उससे ज्यादा की अवैध वसूली यहां प्रसूति महिला के परिवार से कर ली जाती है। मामला जिला प्रशासन तक पहुंचने पर अब जिला प्रशासन जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करने की बात कर रहा है।