आगरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोट पर लगाए बैन को गुरुवार को एक महीने का समय हो गया। पीएम की नोटबंदी पर सरकारी विभागों में खींचतान शुरू हो गई है। चुनावी तैयारियों को लेकर सरकारी महकमों में भी असर देखने को मिल रहा है। कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक बैंकों के चक्कर लगाने में लगे हैं। हालांकि सरकारी कर्मचारी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, लेकिन नोटबंदी के माहौल में परेशानी का हाल गुपचुप बयां कर रहे हैं।
चेक का दे रहे हवाला
चुनावी तैयारियों के लिए विभागों को ईवीएम मशीनों सहित कई अन्य उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है। सूत्रों ने बताया कि इन दिनों रायपुर छत्तीसगढ़ से कुछ ईवीएम मशीनें आगरा आनी हैं। इन मशीनों को लाने के लिए कुछ विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार को जब अधिकारी छत्तीसगढ़ के लिए जाने थे, तब उन्हें कैश की परेशानी हुई। आनन—फानन में विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों ने चंदा एकत्रित कर उन्हें गंतव्य के लिए रवाना किया। अधिकारियों ने बताया कि काम तो चेक से हो रहे हैं, लेकिन सफर के लिए रुपयों की जरूरत में नगदी की साथ देती है।
बैंकों की कतार में बैठा रहे जुगाड़
सरकारी विभागों में इन दिनों विधानसभा चुनाव 2017 की तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। कई विभागों में अलग अलग तरीकों से तैयारियां चल रही हैं। कलेक्ट्रेट परिसर में बने विभागों में नोटबंदी की चर्चाएं दिन भर रहती हैं। नाम न प्रकाशित की शर्त पर एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि बैंक में काम कर रहे कर्मचारियों से भुगतान के लिए संपर्क करना पड़ रहा है। विभागीय कर्मचारी बैंकों की लाइन में खड़े होकर पैसे निकालने की जुगाड़ करते हैं, तब जाकर कुछ रुपया हाथ में आ पाता है।