नई पद्धति को लेकर लिया जा सकता है फैसला
इंजीनियरिंग की परीक्षा में सुधार लाने के लिए एआईसीटीई ने एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट एआईसीटीई को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, समिति ने छात्रों के कौशल और निर्णल लेने की क्षमता को परखने वाले सवाल पूछने, सिद्धांतों से ज्यादा क्रियान्वयन पर ध्यान देने और परिस्थितिजन्य सवाल पूछने समेत कई सुझाव रिपोर्ट में दिए हैं। एआईसीटीई ने इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए सोमवार को तकनीकी शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों और शिक्षकों के साथ एक बैठक आयोजित की है। इसमें परीक्षा की इस नई पद्धति को लेकर फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, समिति ने छात्रों के कौशल और निर्णल लेने की क्षमता को जांच परख करने वाले सवाल पूंछने, सिद्धांतों से ज्यादा क्रियान्वयन पर ध्यान देने और परिस्थिति जनक सवाल पूंछने समेत कई सुझाव का प्रस्ताव अपनी रिपोर्ट में दिया है।
एआईसीटीई ने इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए सोमवार को तकनीकी शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों और शिक्षकों के साथ एक बैठक आयोजित की है। इसमें परीक्षा की इस नई पद्यति को लेकर फैसला लिया जा सकता है और इंजीनियरिंग परीक्षा के सिलेबस को भी बदला जा सकता है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार
इंजीनियरिंग कॉलेज लखनऊ के प्रिंसिपल ने बताया है कि निश्चित तौर पर इससे इंजीनियरिंग के लिए अच्छे युवा सामने आएंगे, जिससे इंजीनियरिंग परीक्षा के गिरते स्तर को इस नई पद्यति के माध्यम से एक नई जान मिलेगी।