उन्होंने कहा, “इससे कई लोग जुड़े हैं। मुझे खेद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था।’ उषा उत्थुप ने एक नाइटक्लब में गाने से करियर की शुरुआत की थी। करियर की शुरुआत में क्या आपको ‘मीटू’ का सामना करना पड़ा? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “नो नो..सौभाग्य से मुझे ऐसी हालत का सामना नहीं करना पड़ा।”
संगीत का बदलना बेहतरी की ओर इशारा
उषा उथुप ने समय के साथ संगीत में आए बदलावों के बारे में बातचीत करते हुए कहा, मेरे दौर से लेकर आज तक जिस तरह से यूजिक बदला है, वह बेहतरी की ओर इशारा करता है। हालांकि टेक्नोलॉजी का प्रभाव इन दिनों काफी बढ़ गया है। आज ‘र बा हो’गाने को 40 साल हो गए हैं। इस गाने को जब मैने चुना था तब मुझे लोगों ने कहा था कि क्या फालतू गाना ले लिया है। इसी तरह ‘हरि ओम हरि’ गाने के लिए भी लोगों ने कुछ इसी तरह का रिएक्शन दिया। लेकिन आज यह गाना क्लासिक बन गया है।