संजय दत्त ने बताया कि वह वक्त मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी तकलीफ भरा था। हर दिन ऐसे लगता था कि जैसे सालों हो। एक अच्छी बात यह थी कि जेल के कुछ अधिकारी 10-15 दिन में एक बार थोड़ी देर के लिए मेरी बात मेरे बच्चों से करा देते थे। सिर्फ उन पलों के लिए ही सही मैं बच्चों से बात कर पाता था। संजय ने कहा कि मैंने मान्यता को इस बात के लिए पहले ही कह दिया था कि कुछ भी सिचुएशन हो, चाहे बच्चे मुझसे मिलने की कितनी भी जिद कर ले। तुम बच्चों को जेल मत लाना। मैं नहीं चाहता था कि इतनी छोटी सी उम्र में बच्चों को जेल जैसे शब्दों का मतलब पता चले। लेकिन मैंने यह खुद से सोचा है कि जब मेरे बच्चे बढ़े हो जाएंगे वो खुद उन्हें सारी बात बताएंगे।
यह सारी बातें संजय दत्त ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कही जब वह अपनी आने फिल्म भूमि के लिए प्रमोशन के लिए आए थे। भूमि इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है। सजा काटने के बाद संजय दत्त की यह पहली फिल्म है। ऐसे में यह देखना होगा कि लोग संजय दत्त की इस फिल्म को कितना पसंद करते हैं। उमंग कुमार द्वारा निर्देशित यह फिल्म 22 सितंबर को रिलीज होगी। बता दें कि 1993 मुंबई ब्लास्ट के बाद संजय को हथियार रखने के ज़ुर्म में टाडा कोर्ट ने दोषी करार दिया था। इस अपराध में उन्हें 5 साल की सज़ा सुनाई गई थी।