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राजसमंद झील छलकने को 2.7 फीट पानी की जरूरत : गोमती नदी से आस, खारी फीडर से बंद हो गई आवक

– बीस दिन बाद हुई बारिश, झील अब 2.7 फीट खाली

राजसमंदAug 29, 2017 / 11:14 am

laxman singh

Khari Fider Band

राजसमंद. मानसून की बेरुखी के चलते ऐतिहासिक राजसमंद झील के लबालब होने की उम्मीद अब तक पूरी नहीं हो सकी लेकिन अभी भी इसके छलकने की उम्मीद बरकार है। अभी भी मानसून सत्र के करीब एक पखवाड़ से अधिक समय शेष है । इस दौरान रिछेड़, चारभुजा ,कुम्भलगढ़ आदि क्षेत्रों में एक तेज वर्षा हो जाती है तो यह झील छलक भी सकती है। इधर वर्षा नहीं होने के कारण खारी फीडर के रविवार रात नन्दसमंद से पानी की आपूर्ति बंद करने के कारण अब गोमती से ही आस है।

झील में खारी फीडर से पानी की आवक सोमवार सुबह करीब 10 बजे बंद हो गई। अब इससे पुन: आवक होना वर्षा पर निभर्र करता है। गोमती से अभी भी पानी की आवक हो रही है। सोमवार को तासोल पुलिया पर यह करीब चार इंच चल रही है। वर्तमान मेेंं झील का जलस्तर 270.30 फीट है । झील की कुल भराव क्षमता 30 फीट है।
अभी भी दो जलाशय रीते
मानसून सत्र समाप्त होने को है लेकिन अभी दो जलाशय रीते है। संसाधन विभाग जिले के छोटे बड़ करीब 26 जलाशयों की देख रेख कर रहा है। वर्तमान में इनमें से करीब 24 जलाशयों में पानी की आवक हुई है। वही आठ जलाशय ओवरफ्लो हो चुके है। नन्दसमंद बांध भी पूर्व में छलक चुका है लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण 32 फीट की भराव क्षमता वाले इस बांध का जल स्तर घट कर 30 फीट रह गया है।

एक माह चली खारी
अच्छी वर्षा होने के कारण 26 जुलाई को नन्दसमंद से खारी फीडर में पानी छोड़ा। करीब 35 किलोमीटर का सफर करीब नौ घंटे में तय कर इसका पानी झील में समाहित हो गया। यह अपनी पूरी क्षमता से करीब साढ़े छह फीट करीब एक माह तक चली। इससे एक नन्दसमंद जितनापानी झील में समाया।
आमेट, कुम्भलगढ़ में बारिश
राजसमंद जिले के कुछ क्षेत्रों में सोमवार को मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। इससे आमेट, कुम्भलगढ़, नाथद्वारा व रेलमगरा तहसील क्षेत्रों में हल्की से तेज वर्षा हुई। सोमवार सुबह आठ से शाम पांच बजे तक सर्वाधिक 20 मिलीमीटर वर्षा आमेट में हुई। यहां सुबह आठ बजे समाप्त 24 घंटे के दौरान भी तीन एमएम वर्षा हुई। शहर व आसपास के क्षेत्रों में सुबह से बादलों की लुका छिपी चलती रही। सुबह बूंदा बांदी हुई। दोपहर बाद भी हल्की वर्षा हुई। इससे बाद देेर शाम तक वर्षा नहीं हुई। इससे उमस बढऩे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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