आपको बता दें कि आरजे मलिष्का ने कुछ समय पहले मुंबई की सड़कों पर हुए गड्ढों को लेकर एक वीडियो बनाया था जो वायरल हो गया था। हर साल बारिश में सड़कों पर गड्ढों की भरमार और उसमें भरे पानी से लोगों को जीना मुश्किल हो जाता है। इसी मुद्दे पर मलिष्का ने वीडियो के जरिए मुंबई के लोगों से पूछा था कि क्या उन्हें बीएमसी पर भरोसा नहीं है। वीडियो को लोगों ने काफी पसंद किया था। इस वीडियो से बीएमसी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी और पिछले 25 साल से BMC की कुर्सी पर बैठी शिवसेना को यह वीडियो नागवार गुजरा था। इस गाने को नापसंद करते हुए शिवसेना ने BMC कमिश्नर को 500 करोड़ का मानहानि का केस प्राइवेट रेडियो चैनल के खिलाफ दायर करने को कहा है।
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अब बीएमसी ने दावा किया है कि मलिष्का के घर डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा मिला है। इसलिए बीएससी ने मलिष्का के खिलाफ 500 करोड़ का नोटिस भेजा है। बीएमसी ने मलिष्का मेंडोसना के ब्रांदा स्थित घर पर जांच के बाद कहा कि वहां डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा मिला है। नोटिस के मुताबिक आरजे मलिष्का के घर मिट्टी के कटोरे में पानी भरा हुआ था, जिसमें एडीज मच्छर पाए गए हैं। इसके अलावा घर में लगे पौधे के गमले में भी मच्छरों के लार्वा पाए गए हैं। जिसके बाद बीएमसी ने एमएमसी एक्ट की धारा 381बी के तहत नोटिस भेजा है और इसके लिए मलिष्का की फैमिली को 2000 से 10 हजार रुपये के बीच का फाइन भी देना होगा।
मलिष्का को नोटिस मिलने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने इसके लेकर बीएमसी पर गुस्सा दिखाया और मलिष्का के साथ स्टैंड किया है। इसे लेकर मलिष्का ने अपने चाहने वालों को धन्यवाद किया है। इस पूरे मामले पर फैंस के साथ ही भाजपा के मुंबई के चीफ आशीष सेलर ने एक ट्वीट के जरिए मलिष्का के प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने लिखा था कि “इस तरह क्रिएटिव तरीके से मुंबई की समस्या को आगे लाने के लिए मलिष्का की तारीफ होनी चाहिए।”
फिलहाल तो जिस वक्त बीएमसी ने मलिष्का को नोटिस दिया है और मलिष्का ने जिस वक्त मुंबई की सड़कों को खराब बताने वाला वीडियो निकाला था दोनों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह सभी सवाल बीएमसी और शिवसेना की मंशा पर उठ रहे है। इस मंशा पर अपना पक्ष रखते हुए और डेंगू को लेकर दिये गए नोटिस पर बीएमसी ने अपनी सफाई में कहा है कि जिस अधिकारी ने मलिष्का के घर नोटिस पहुंचाया है उसे यही नहीं पता था कि वो घर किसका है। यह एक रुटीन चेकिंग का मामला था।