अभिनेता सैफ अली खान ने सोनू निगम के ट्वीट को उत्तेजक बताते हुए कहा, “देश में अल्पसंख्यक होने की वजह से आपको अपनी मौजूदगी एहसास करानी पड़ती है,साथ ही अपनी उपस्थिति लोगों को स्वीकार करवानी पड़ती है।” सैफ अली ने अजान मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखें और सोनू निगम के ट्वीट को उत्तेजक बताया। हालांकि उन्होंने अपनी बात को स्थिर रखते हुए कहा, “मैं एक स्तर पर इस बात से सहमत हूं कि जितना कम आवाज हो उतना ही अच्छा है, लाउडस्पीकर का उपयोग असुरक्षा की भावना को दिखाता है।”
सैफ अली खान ने कहा, “लाउडस्पीकर की आवाज पर अपने विचार को रखना ठीक है। सैफ अली खान ने विस्तार से बोलते हुए इजरायल का उदाहरण भी दिया। सैफ ने कहा यहां तीन धर्मों के लोग रहते है लेकिन यहां आज भी अजान लाउडस्पीकर से ही होती है। लेकिन मैं समझता और मानता हूं कि अजान के दौरान तेज आवाज अल्पसंख्यक होने के नाते अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए होता है, जो असुरक्षा की भावना पैदा करता है। इस हालात में अगर कोई भी अजान की आवाज कम करने को कहता है तो कुछ लोगों का उग्र होना स्वाभाविक है।”
सैफ अली खान के इस बयान पर ट्विटर पर यूजर्स ने उन्हें अपने बेटे का तैमूर नाम रखने के लिए एक बार फिर से उनका विरोध किया। एक तरफ जहां सोनू निगम और सैफ अली खान के फैंस ने उनका सपोर्ट किया तो कुछ लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। आपको बता दें कि सैफ और करीना ने अपने बेटे का नाम तैमूर रखा था जो कि एक तैमूर लंग का भारत का आक्रमणकारी शासक था और दिल्ली में जिसने मार-काट मचाई थी। सैफ अली खान और करीना के बेटे का नाम तैमूर रखे जाने पर हिन्दू संगठनों ने उनका विरोध किया था साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनके इस फैसले की आलोचना की थी।
सैफ से जब सोशल मीडिया पर अपने बयान पर उठे विवाद के बारे में प्रतिक्रिया देने को कहा गया, तो उन्होंने कहा वह एक बात के बारे में एक ही बार बात करना पसंद करते है,ज्यादा बातें करना और हर मुद्दे पर बात करना उन्हें पसंद नहीं है।