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विजय माल्या की लापरवाही से कर्ज में डूबा देश का सबसे पुराना फुटबॉल क्लब, शाहरुख खान ने दिया सहारा!

Published: Mar 21, 2017 11:39:00 am

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मोहन बागान के महासचिव अंजन मित्र ने कहा कि वे क्लब को उबारने के लिए हर जगह हाथ पांव मार रहे हैं। क्लब मोहन बागान की राह में सबसे बड़ी अड़चन विज्य माल्या है। क्लब को इस संकट से उबारने के लिए शाहरुख खान मदद के लिए आगे आ सकते है। सूत्रों की मानें तो शाहरुख ने रजामंदी जाहिर भी कर दी है।

भारत का 127 साल पुराना पहला फुटबॉल क्लब मोहन बागान पूरी तरह से कर्ज में डूब गया है। क्लब को इस संकट से उबारने के लिए शाहरुख खान मदद के लिए आगे आ सकते है। कई सालों में बागान की स्थिति बदतर होती जा रही है। क्लब के शेयर हॉल्डर विजय माल्या की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने की वजह से फुटबॉल क्लब ने सहायता के लिए नई राह तलाशने का फैसला लिया है। जिसके लिए उन्होंने शाहरुख खान से मदद मांगी है। 
क्लब के शीर्ष प्रबंधन को लगता है कि उन्हें इस खराब स्थिति से उबारने के लिए आईएसएल में भागीदारी करनी ही होगी लेकिन इसके लिए एक बड़ी रकम की जरुरत होगी। शाहरुख खान आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइर्डस के मालिक भी है और कोलकाता के खेलों में काफी दिलचस्पी भी रखते है। इसके साथ ही शाहरुख पश्चिम बंगाल राज्य के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। यहीं क्लब की शाहरुख की मदद के लिए सबसे बड़ी उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो शाहरुख ने रजामंदी जाहिर भी कर दी है।
क्लब मोहन बागान की राह में सबसे बड़ी अड़चन विज्य माल्या है। माल्या ने 1998 में क्लब के 49.99 प्रतिशत शेयर खरीदे थे,तब उन्होंने क्लब की देखरेख यूनाइटेड मोहन बागान फुटबॉल टीम प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाकर क्लब की देखरेख की जिम्मेदारी उनको दी। कई सालों तक अच्छा रहा लेकिन नवंबर 2014 में माल्या की कंपनियों की आपसी उठापटक में क्लब के अधिकार नई कंपनी डिएगो के पास चले गए, जिसे फुटबॉल में कोई दिलचस्पी नहीं थी। अभी भी यदि माल्या ने शेयर देने से इनकार कर दिया तो बागान के सामने अस्तित्व का संकट गहरा हो जाएगा।
मोहन बागान के महासचिव अंजन मित्र ने कहा कि वे क्लब को उबारने के लिए हर जगह हाथ पांव मार रहे हैं। आपको बता दें कि इस क्लब की स्थापना 1889 में भूपेंद्र नाथ बोस ने की थी। दुनिया में सबसे ज्यादा 284 खिताब भी मोहन बागान के नाम ही है। लेकिन नई कपंनी डिएगो की वजह से क्लब के लिए यह संकट पैदा हो गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में क्लब का घाटा बढ़कर 1.012 करोड़ पहुंच गया। क्लब को अपनी न्यूनतम जरुरतों को पूरा करने के लिए बागान के प्रबधंकों को 3 करोड़ का कर्ज उठाना पड़ा।
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