संगीत की यह मनलुभावन जुगलबंदी का यह माहौल गीतकार प्रसून जोशी और सुरों के शंहशाह शंकर महादेवन ने सजाया। म्यूजिक समिट में शिरकत कर रहे कलाकारों ने जैसे ही अपने सुरों का राग छेड़ा, संगीत के कद्रदान
श्रोता खुद के आसूं ना रोक पाए। दरअसल द कीनोट सेशन में शंकर महादेवन के साथ प्रसून जोशी ने संगीत से जुड़ी बातचीत की। बातचीत के दौरान शंकर महादेवन ने अपने बचपन से लेकर संगीत के दुनिया की कुछ खट्टी मिठ्टी यादें साझा की।
सेशन के अंत में प्रसून ने अपना लिखा मां गाना शंकर से सुनाने की गुजारिश की। शंकर के माइक उठाते ही दर्शकों का रोमांच बढ़ गया। शंकर जैसे-जैसे सुर साधने लगे, तो श्रोताओं के रोंगटे खडे होने लगे। जैसे ही उन्होंने गाने की पहली लाइन ‘दिल ही दिल में घबराता हूं मैं मां’ गाया तो श्रोताओं की दिलों की धड़कनें बढने लगीं। मजबूत दिलों ने खुद को खूब रोकना चाहा लेकिन शंकर के सुरों के आगे अश्रुओं की यह धारा बह निकली।