ये सब तब शुरू हुआ जब नामचीन लेखक हिंडौल सेन गुप्ता ने सर्फ एक्सल के विज्ञापन पर अपना विरोध जताना शुरू किया। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्विट किए और विज्ञापनदाता को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। लेखक ने कहा कि भारत देश में सभी त्योहार हजारों साल से सौहार्द और एकता की भावना से मनाए जा रहे हैं। ताजा विज्ञापन समुदायों में भेदभाव को बढ़ावा देने वाला है।
इसी बयान के बाद सोना महापात्रा ने जवाबी हमला करते हुए अपनी बात रखी। सोना ने ट्विट में कहा, ‘आपने विज्ञापन के बारे में जो भी कहा वह सटीक है लेकिन ‘कोई डरता नहीं है’ और ‘कोई पीड़ित नहीं’ कहना गलत है। जब मैं छोटी थी मैं और मेरे साथ कई होली से नफरत करते थे और डरते थे। ये त्योहार कई लड़कों/पुरुषों के लिए दूसरों को गलत जगह पकड़ने, यौन उत्पीड़न करने और चोट पहुंचाने का बहाना है।’
आपको बता दें कि हिन्दुस्तान लीवर कम्पनी के प्रोडक्ट सर्फ एक्सल का एक नया टीवी विज्ञापन आया है जिसमें होली का त्योहार मनाते दिखाया गया है। एक मुस्लिम बच्चा घर से बाहर निकलने में डरा हुआ दिखाया जाता है। उसे रंगों से डर लग रहा है, उसने सफेद कुर्ता-पायजामा पहुना हुआ है। ये देख एक बच्ची उसे बताती है कि सब खत्म हो गया है, बाहर आजा।
फिर वह अपनी साइकिल से उसे मस्जिद तक छोड़ती है। लड़का कहता है, नमाज पढ़कर आता हूं। बस यही है पूरा एड और लोग इस पर नाराज हो गए हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि इस विज्ञापन में गलत मैसेज दिया गया है। सदियों से देश में लोग ईद, दीपावली, होली जैसे त्योहार मिलकर मनाते आए हैं।
ये है वो विज्ञापन जिसपर हो रहा विवाद