उज्जैन

जिम्मेदारों की इस लापरवाही से फुव्वारों पर लगा दाग

फव्वारों से सुंदरता तो बढ़ी नहीं, कहीं खराब होने से जंग खा रहे तो कहीं निगम ही नहीं चला रहा

उज्जैनOct 05, 2019 / 12:20 am

rishi jaiswal

फव्वारों से सुंदरता तो बढ़ी नहीं, कहीं खराब होने से जंग खा रहे तो कहीं निगम ही नहीं चला रहा

उज्जैन. तालाब या चौराहों की स्वच्छता व सुंदरता बढ़ाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर नगर निगम ने जो फव्वारे लगाए थे, अब वे ही उन स्थानों पर दाग बन गए हैं। कुछ जगह फव्वारे लंबे समय से खराब पड़े हैं तो कई जगह निगम इन्हें चला ही नहीं रहा है। इसके चलते बड़ी रकम खर्च होने के बावजूद इनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है वहीं एेसे स्थानों का पानी भी खराब होने लगा है।
क्षीरसागर, कमल तालाब आदि विभिन्न जलस्रोतों में सौंदर्यीकरण के साथ ही पानी में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए निगम ने फव्वारे लगाए थे। इनके अलावा चौपाटी, प्रमुख चौराहों आदि पर भी सौंदर्यीकरण के लिए अलग-अलग क्षमता के फव्वारे लगाए गए हैं। शहर में लगे इन फव्वारों में से ज्यादातर बंद या खराब पड़े हैं। जो चालू हैं, उन्हें भी नियमित नहीं चलाया जाता है। एेसे में लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी यह फव्वारे न सौंदर्यीकरण के काम आ रहे हैं और न ही पानी को साफ करने में कोई उपयोग हो रहा है। फव्वारों की एेसी हालत के पीछे प्रमुख कारण संधारण को लेकर नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं देना है।
क्षीरसागर: पौराणिक महत्व के सप्तसागरों में से एक क्षीरसागर में यहां धार्मिक आयोजनों के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन करने पहुंचते हैं। यहां ४० लाख रुपए से अधिक खर्च कर सौंदर्यीकरण किया गया था, जिसमें तीन-चार फव्वारे भी लगाए थे। इसका उद्देश्य पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाना भी था। लंबे समय से यह फव्वारे बंद पड़े हैं। इसके अलावा सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए अन्य उपकरण भी बंद पड़े हैं।
टॉवर चौक: शहर के प्रमुख स्थान फ्रीगंज टॉवर चौपाटी पर सौंदर्यीकरण के लिए फाउंटेन लगाया गया था। शुरुआत में इसे रोज शाम चालू किया जाता था, जिससे क्षेत्र का सौंदर्यीकरण बढ़ा और यहां आने वालों को भी अच्छा लगा। लंबे समय से यह राउंड फाउंटेन बंद पड़ा हुआ है। बीच-बीच में संधारण के नाम पर राशि भी खर्च की गई लेकिन इसका नियमित संचालन नहीं हो रहा है। कभी मोटर खराब होने तो कभी अन्य तकनीकी कारणों से अमूमन यह बंद ही रहता है। फाउंटेन में जमा पानी भी गंदा हो रहा है।
कमल तालाब: कोठी रोड कालिदास अकादमी परिसर स्थित कमल तालाब में चरणबद्ध लाखों रुपए खर्च कर पीचिंग, पॉथ-वे के साथ ही कुछ फ्लोट फाउंट लगाए गए थे। तालाब के आसपास घूमने के लिए सुबह-शाम सैकड़ों लोग पहुंचते हैं इसके बावजूद इसका संधारण नहीं हो रहा है और तालाब फिर दलदल की तरह हो गया है। कई महीनों से फाउंटेन बंद पड़े हैं। इनमें से कुछ तो भंगार की तरह हो गए हैं। तालाब सौंदर्यीकरण के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है।
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