क्या है ओटीटी प्लेटफॉर्म (Over-The-Top or OTT Platforms)
ओटीटी यानी ओवर-द-टॉप मीडिया सर्विस दरअसल, ब्रॉडकास्टिंग (Broadcasting), इंटरनेट बायपासिंग केबल (Internet Byepassing Cable) और सैटेलाइट टेलीविजन प्लेटफॉर्म (Satelite Television) के जरिए दर्शकों को सीधे फिल्में और ऑनलाइन वेब सीरीज (Online Content) देखने की सुविधा देती है। इंटरनेट (Cheap Internet Price) और स्मार्टफोन टेक्नालॉजी विकसित होने के साथ ही आसानी से उपलब्ध और सस्ता मनोरंजन (Cheap Entertainment) इस समय भारत में ओटीटी की वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है।
ओटीटी यानी ओवर-द-टॉप मीडिया सर्विस दरअसल, ब्रॉडकास्टिंग (Broadcasting), इंटरनेट बायपासिंग केबल (Internet Byepassing Cable) और सैटेलाइट टेलीविजन प्लेटफॉर्म (Satelite Television) के जरिए दर्शकों को सीधे फिल्में और ऑनलाइन वेब सीरीज (Online Content) देखने की सुविधा देती है। इंटरनेट (Cheap Internet Price) और स्मार्टफोन टेक्नालॉजी विकसित होने के साथ ही आसानी से उपलब्ध और सस्ता मनोरंजन (Cheap Entertainment) इस समय भारत में ओटीटी की वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है।
सिनेमा मालिकों-एग्जिबिटर्स का घाटा
दरअसल, ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर इंडस्ट्री दो-फाड़ हो गई है। सिनेमा हॉल में करोड़ों का निवेश कर चुके सिनेमा मालिकों ने निर्माताओं को ऐसा न करने की अपील की है। मल्टीप्लेक्स ऑनर एसोसिएशन का कहना है कि थियेटर सालाना करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। चार महीने से ज्यादा समय से सिनेमा हॉल के बंद रहने से सभी की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं अगर निर्माता अपनी फिल्में यूं ओटीटी पर रिलीज करेंगे तो उन्हें 100 से 125 करोड़ का अतिरिक्त घाटा होगा।
दरअसल, ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर इंडस्ट्री दो-फाड़ हो गई है। सिनेमा हॉल में करोड़ों का निवेश कर चुके सिनेमा मालिकों ने निर्माताओं को ऐसा न करने की अपील की है। मल्टीप्लेक्स ऑनर एसोसिएशन का कहना है कि थियेटर सालाना करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। चार महीने से ज्यादा समय से सिनेमा हॉल के बंद रहने से सभी की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं अगर निर्माता अपनी फिल्में यूं ओटीटी पर रिलीज करेंगे तो उन्हें 100 से 125 करोड़ का अतिरिक्त घाटा होगा।
पुराना ट्रेंड है ओटीटी प्लेटफॉर्म
ऐसा नहीं है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्में रिलीज करने का यह चलन कोरोना के लॉकडाउन दौर में ही शुरू हुआ है। 2018 के आखिर से भारत में रफ्तार आने लगी थी। फिक्की-ईवाय (FICCI-EY) 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अकेले भारत में छोटी और कम बजट की करीब 50 फिल्में इन्हीं ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गई थीं। बीते सालों में ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शन में भी 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। छोटे निर्माताओं की अंडरडॉग फिल्म को ओटीटी पर घर बैठे लाखों दर्शक मिल जाते हैं जो उसे थियेटर रिलीज पर नहीं मिल सकते थे। इतना ही नहीं प्रिंट और एडवरटाइजिंग की लागत भी बच जाती है।
ऐसा नहीं है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्में रिलीज करने का यह चलन कोरोना के लॉकडाउन दौर में ही शुरू हुआ है। 2018 के आखिर से भारत में रफ्तार आने लगी थी। फिक्की-ईवाय (FICCI-EY) 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अकेले भारत में छोटी और कम बजट की करीब 50 फिल्में इन्हीं ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गई थीं। बीते सालों में ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शन में भी 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। छोटे निर्माताओं की अंडरडॉग फिल्म को ओटीटी पर घर बैठे लाखों दर्शक मिल जाते हैं जो उसे थियेटर रिलीज पर नहीं मिल सकते थे। इतना ही नहीं प्रिंट और एडवरटाइजिंग की लागत भी बच जाती है।
OTT VS CINEMA: फैक्ट फाइल
-0.5 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है भारत में ओटीटी प्लेटफाम्र्स की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में (बोस्टन काउंसलिंग ग्रुप)
-05 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद जताई जा रही है 2023 तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म के बाजार की
-10 से 15 हजार करोड़ का रेवेन्यू मिलता है सालाना फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर
-10 लाख पर 9 सिनेमाहॉल हैं देश में, 2015 के एक सर्वे के अनुसार
-146.5 बिलियन (1,0981 अरब रुपए) तक पहुंच जाएगा बॉक्स ऑफिस का कुल रेवेन्यू 2021 तक (स्टेटिस्टा डॉट कॉम)
-200 देशों में ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए स्ट्रीमिंग हुई थी शूजित सिरकार की गुलाबो-सिताबो लॉकडाउन में
-20 बिलियन यानी करीब 15 खरब रुपए का निवेश करेगा अमेजन प्राइम वीडियो अपने ‘ऑरिजनल कंटेट’ में
-06 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई है नेटफ्लिक्स ने दर्शकों को नए शो दिखाने के लिए
-45 फीसदी घरेलू बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अकेले मल्टीप्लेक्स से जनरेट होता है भारत में
-0.5 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है भारत में ओटीटी प्लेटफाम्र्स की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में (बोस्टन काउंसलिंग ग्रुप)
-05 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद जताई जा रही है 2023 तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म के बाजार की
-10 से 15 हजार करोड़ का रेवेन्यू मिलता है सालाना फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर
-10 लाख पर 9 सिनेमाहॉल हैं देश में, 2015 के एक सर्वे के अनुसार
-146.5 बिलियन (1,0981 अरब रुपए) तक पहुंच जाएगा बॉक्स ऑफिस का कुल रेवेन्यू 2021 तक (स्टेटिस्टा डॉट कॉम)
-200 देशों में ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए स्ट्रीमिंग हुई थी शूजित सिरकार की गुलाबो-सिताबो लॉकडाउन में
-20 बिलियन यानी करीब 15 खरब रुपए का निवेश करेगा अमेजन प्राइम वीडियो अपने ‘ऑरिजनल कंटेट’ में
-06 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई है नेटफ्लिक्स ने दर्शकों को नए शो दिखाने के लिए
-45 फीसदी घरेलू बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अकेले मल्टीप्लेक्स से जनरेट होता है भारत में
-6700 सिंगल स्क्रीन और करीब 2400 मल्टीप्लेक्स हैं देश में अक्टूबर2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक
-1500 से 2000 फिल्में अलग-अलग भाषाओं में बनती हैं भारत में सालाना
-96,300 लोगों पर एक स्क्रीन है भारत में, अमरीका में 7800 और चीन में 45 हजार लोगों पर एक सिनेमा स्क्रीन है
-13000 सिनेमा स्क्रीन में से करीब 10 हजार सिंगल स्क्रीन सिनेमाहॉल हैं देश में (FORBES के अनुसार)
-18 हजार करोड़ रुपये (3.34 बिलियन डॉलर) का घाटा और करीब 60 हजार नौकरियों सालाना पाइरेसी के कारण खो देता है भारतीय सिनेमा उद्योग डबल्यूआइपीओ मैगज़ीन (द जर्नल ऑफ वल्र्ड इंटेलैक्चुअल प्रॉपर्टी रिपोर्ट 2013) के अनुसार
-40 से ज्यादा ओटीटी प्लेटाफॉर्म सक्रिय हैं भारत में अभी देसी-विदेशी
-20 साल पुराना है ओटीटी प्लेटफॉर्म जबकि सिनेमा करीब 106 साल से हमारे साथ है
-240 फीसदी की दर से भारतीय ओटीटी इंडस्ट्री ने वृद्धि की है 2016 से 2019 के बीच
-1500 से 2000 फिल्में अलग-अलग भाषाओं में बनती हैं भारत में सालाना
-96,300 लोगों पर एक स्क्रीन है भारत में, अमरीका में 7800 और चीन में 45 हजार लोगों पर एक सिनेमा स्क्रीन है
-13000 सिनेमा स्क्रीन में से करीब 10 हजार सिंगल स्क्रीन सिनेमाहॉल हैं देश में (FORBES के अनुसार)
-18 हजार करोड़ रुपये (3.34 बिलियन डॉलर) का घाटा और करीब 60 हजार नौकरियों सालाना पाइरेसी के कारण खो देता है भारतीय सिनेमा उद्योग डबल्यूआइपीओ मैगज़ीन (द जर्नल ऑफ वल्र्ड इंटेलैक्चुअल प्रॉपर्टी रिपोर्ट 2013) के अनुसार
-40 से ज्यादा ओटीटी प्लेटाफॉर्म सक्रिय हैं भारत में अभी देसी-विदेशी
-20 साल पुराना है ओटीटी प्लेटफॉर्म जबकि सिनेमा करीब 106 साल से हमारे साथ है
-240 फीसदी की दर से भारतीय ओटीटी इंडस्ट्री ने वृद्धि की है 2016 से 2019 के बीच