लखनऊ. पिछले कुछ समय से सेंसर बोर्ड एक पैमाना तय करने में लगा है जिससे भारत में रिलीज होने वाली एडल्ट सर्टीफिकेट प्रमाणित फिल्में को थियटर में एक टाइम स्लॉट दिया जाएगा और भारत की जनता उन्हें देख सकेंगी। सेंसर बोर्ड का पैनल अमरीका बेस्ड ग्रेडिंग सिस्टम को यहां लाने का भरसक प्रयास कर रहा है, जिससे की
R रेटेड और एन सी-17 रेटेड फिल्मों के लिए एक खास तैयारी की जाएगी। फिलहाल ऐसी फिल्म कुछ ही ऑडियन्स तक सीमित है।
अनुमन फिल्में जिनमें ग्राफिक विजुअल, न्यूडिटी और विचलित कर देने वाले एक्शन सीक्वन्स होते हैं, उन्हीं फिल्मों को ये सर्टीफिकेट मिलते हैं और वो बिना किसी कट के सिनेमाघरों में रिलीज होते है। जब ऐसी फिल्में भारत में रिलीज होती हैं तो सेंसर बोर्ड उनमें काफी काट-छांट करता है, लेकिन कई मामलों में (जैसे हॉलीवुड की
फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे भारत में रिलीज ही नहीं हुई थी), तो वो भी नहीं होता।
पिछले कुछ समय से भारतीय दर्शकों को कई महत्वपूर्ण फिल्मों से दूर रखा गया है। वैसे जिन दर्शकों को ये फिल्में देखनी होती हैं, वो कहीं न कहीं से डाउनलोड कर उन्हें देख ही लेते हैं। रिवाइजिंग पैनल के सदस्यों में नो-कट्स पॉलिसी को लेकर एकमत है। वो इन
एनसी-17 और आर रेटेड भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की रिलीज के लिए एक खास टाइम का चयन करेंगे और जल्द ही ये फिल्में रिलीज हो सकेंगी।
जब लखनऊ में फिल्मीं दर्शकों से हमने इस बारे में पूछा तो उनका ये कहना था- सीए की पढ़ाई कर रहे आर्यन का कहना है कि आज के समय में एडल्ट फिल्मों की तरफ दर्शकों का रूझान हैं। कई ऐसी एडल्ट फिल्में है जो एक स्ट्रॉन्ग मैसेज देती हैं, लेकिन वो रिलीज ही नहीं हो पाती। ये बहुत ही निराशाजनक है।
इंदिरा नगर में बंधन बैंक में काम कर रहे अभिषेक सक्सेना का कहना है कि आर-रेटेड सर्टीफाइड फिल्में काफी अच्छे सब्जेक्ट कैरी करती हैं। मैं सभी फिल्मों के लिए नहीं कहता, लेकिन हां कई फिल्में ऐसी हैं, जिसे यहां रिलीज होनी चाहिए।
पीडब्लूडी में जॉब कर रहे रोहित गुप्ता का कहना है कि वो कई ऐसी फिल्मों को डाउनलोड कर के देखते हैं। अगर ये फिल्में यहां मल्टिप्लेक्स में रिलीज हो गई तो मैं सबसे पहले देखुंगा और लोगों से भी आर रेटेड कुछ अच्छी फिल्मों को देखने के लिए बोलुंगा।