scriptग्राम पंचायत निधि में बड़ा घोटाला, अधिकारियों व प्रधान समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जानिए पूरा मामला! | big scam in gram panchayat nidhi, fir filed against officers pradhan | Patrika News

ग्राम पंचायत निधि में बड़ा घोटाला, अधिकारियों व प्रधान समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जानिए पूरा मामला!

locationएटाPublished: Aug 14, 2019 12:40:09 pm

Submitted by:

suchita mishra

भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के निरीक्षक ने आठ से दस साल पुराने मामले में एडीओ, सहायक एडीओ पंचायत, ब्लाक प्रमुख समेत तत्कालीन अधिकारियों व पूर्व प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है।

Scam

Scam

एटा। नरेंद्र मोदी सरकार की “ना खाऊंगा ना खाने दूंगा” वाली पॉलिसी का असर अब उत्तर प्रदेश में भी दिखायी देने लगा है। हाल ही इस कड़ी में एटा में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के निरीक्षक ने आठ से दस साल पुराने मामले में एडीओ, सहायक एडीओ पंचायत, ब्लाक प्रमुख समेत तत्कालीन अधिकारियों व पूर्व प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। इन पर ग्राम पंचायत निधि के लगभग 78 लाख से अधिक रुपए के गबन का आरोप है।
ये है पूरा मामला
मामला एटा के अलीगंज ब्लाक का है। अफसरों व प्रधान पर आरोप है कि 1 जनवरी 2004 से लेकर उन्होंने कई सालों तक आपसी मिलीभगत से विकास के नाम पर आए रुपयों का घोटाला किया है। वर्ष 2012 में अशर्फी लाल नामक शख्स ने ने प्रधान और अधिकारियों के खिलाफ विकास राशि के गबन की शिकायत की थी। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने इस मामले को लेकर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि कॉपरेटिव बैंक, एसबीआई बैंक में सचिव प्रधान के नाम पर खुले खातों में फर्जी तरीके से रुपयों को ट्रांसफर किया गया है। विकास कराने के नाम पर कई बार रुपए ग्राम पंचायत निधि के खाते में भेजे गए, जबकि जमीन पर कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया। सिर्फ कागजों पर नक्शा बनाकर 78 लाख से ज्यादा का गबन कर दिया गया।
जब तत्कालीन अधिकारियों से दस्तावेज मांगे गए तो उन्होंने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। निरीक्षक ने FIR में बताया है कि तत्कालीन सरकारी अधिकारी और प्रधानों द्वारा 78 लाख 32 हजार 827 रुपयों का गबन किया गया है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि 11 अगस्त को भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने एफआईआर दर्ज करायी है। मामला आठ से दस वर्ष पूर्व का है। जांच में विकास कार्यों में अनियमितता और कार्यों का मौके पर न होना पाया गया। इसको लेकर तत्कालीन अधिकारियों जिनमें कुछ अब रिटायर हो चुके हैं व प्रधान समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो