मामला एटा के अलीगंज ब्लाक का है। अफसरों व प्रधान पर आरोप है कि 1 जनवरी 2004 से लेकर उन्होंने कई सालों तक आपसी मिलीभगत से विकास के नाम पर आए रुपयों का घोटाला किया है। वर्ष 2012 में अशर्फी लाल नामक शख्स ने ने प्रधान और अधिकारियों के खिलाफ विकास राशि के गबन की शिकायत की थी। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने इस मामले को लेकर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि कॉपरेटिव बैंक, एसबीआई बैंक में सचिव प्रधान के नाम पर खुले खातों में फर्जी तरीके से रुपयों को ट्रांसफर किया गया है। विकास कराने के नाम पर कई बार रुपए ग्राम पंचायत निधि के खाते में भेजे गए, जबकि जमीन पर कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया। सिर्फ कागजों पर नक्शा बनाकर 78 लाख से ज्यादा का गबन कर दिया गया।