कौन हैं सूरज सिंह शाक्य
भाजपा से चार बार विधायक रहे और पूर्व मंत्री सूरज सिंह शाक्य के पिता प्यारे लाल शाक्य 1974 में सकीट विधानसभा से जनसंघ से चुनाव जीते। इसके बाद 1977 में वे फिर से जनता पार्टी से इसी विधानसभा में विधायक बने। अपने पिता की विरासत को पूर्व मंत्री सूरज सिंह शाक्य ने इसी विधान सभा को आगे बढ़ाया। वे 1991 में भाजपा से पहली बार सकीट विधानसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल कर ली। प्रदेश में सरकार बनने पर उनको राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया। इसके बाद हुए मध्यावधि चुनाव में 1993 में वे फिर से इसी विधानसभा से चुनाव जीते। इसके बाद उनका पार्टी से मोहभंग हो गया तो वे सपा में चले गए। 2002 के चुनाव में सपा ने उनको सकीट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने में वे सरकार में राज्यमंत्री बने। 2007 में वे फिर से इसी विधानसभा से चुनाव जीत गए। सपा से मोहभंग होने पर वे बसपा में चले गए। बसपा ने उनको पटियाली विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया, लेकिन वे इस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए।
भाजपा से चार बार विधायक रहे और पूर्व मंत्री सूरज सिंह शाक्य के पिता प्यारे लाल शाक्य 1974 में सकीट विधानसभा से जनसंघ से चुनाव जीते। इसके बाद 1977 में वे फिर से जनता पार्टी से इसी विधानसभा में विधायक बने। अपने पिता की विरासत को पूर्व मंत्री सूरज सिंह शाक्य ने इसी विधान सभा को आगे बढ़ाया। वे 1991 में भाजपा से पहली बार सकीट विधानसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल कर ली। प्रदेश में सरकार बनने पर उनको राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया। इसके बाद हुए मध्यावधि चुनाव में 1993 में वे फिर से इसी विधानसभा से चुनाव जीते। इसके बाद उनका पार्टी से मोहभंग हो गया तो वे सपा में चले गए। 2002 के चुनाव में सपा ने उनको सकीट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने में वे सरकार में राज्यमंत्री बने। 2007 में वे फिर से इसी विधानसभा से चुनाव जीत गए। सपा से मोहभंग होने पर वे बसपा में चले गए। बसपा ने उनको पटियाली विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया, लेकिन वे इस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए।
और फिर छोड़ दी भाजपा
मोदी लहर में सूरज सिंह शाक्य लोकसभा चुनाव 2014 में राजस्थान के राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कहने पर भाजपा में वापस आ गये। 2017 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने बेटे किशन कुमार शाक्य के लिए पटियाली से टिकट मांगी, लेकिन पार्टी ने उनके स्थान पर बसपा से भाजपा में शामिल हुए अमापुर के विधायक ममतेश शाक्य को टिकट दे दिया, जिससे वे खिन्न रहने लगे। जन अधिकार पार्टी के संस्थापक बाबूलाल कुशवाह ने उनको एटा लोकसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है। वे पूरे दमखम से अपना चुनाव लड़ेेंगे।