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यूपी के इस जिले में सात बच्चे मिले कुपोषित, स्वास्थ्य विभाग में खलबली, पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराए गए

locationएटाPublished: May 12, 2019 10:03:43 am

आरबीएसके के प्रयास रंग लाए, 102 एंबुलेंस द्वारा मुफ्त सेवा दी गई

Nutrition Rehabilitation Center

Nutrition Rehabilitation Center

एटा। जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र (Nutrition Rehabilitation Center) में कुपोषित बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। इस वार्ड में कुपोषित बच्चों को प्रारंभिक रूप से 14 दिन भर्ती कराकर उन्हें पोषण युक्त आहार देकर डॉक्टरों की टीम द्वारा उनका इलाज किया जाता है। इसी के तहत 7 बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र लाया गया। इस दौरान आरबीएसके नोडल डॉक्टर महाराज सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राम सिंह, डीसीपीएम डॉ. जुबेर खान, आरबीएसके की टीम, संबंधित आशा, आंगनबाड़ी मौजूद रहीं।
दो बच्चे सोमवार को भर्ती होंगे

आरबीएसके नोडल प्रभारी डॉ. महाराज सिंह ने बताया कि आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीमों के सजग प्रयास से आज 7 बच्चों को एनआरसी केंद्र लाया गया। इनमें से 5 कुपोषित बच्चों को तत्काल ही इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से भर्ती कर लिया गया है। शेष दो बच्चों की चेकअप प्रक्रिया पूर्ण की गई। उनके माता पिता उन्हें सोमवार तक भर्ती करा देंगे। 102 एम्बुलेंस द्वारा मुफ्त सेवा दी गई।
इन्हें कराया गया भर्ती

डॉक्टर इशरत, आरबीएस के टीम-ए निधौलीकलां ने बताया कि डेढ़ साल की शैलवी, 8 माह का मानव ,1 वर्षीय परी , यश प्रताप व उज्जवल कुपोषण श्रेणी (3 एसडी से 4एसडी) में थे, जिन्हें एनआरसी लाया गया। शैलवी, मानव एवं परी को एनआरसी में भर्ती कर लिया गया है। यश प्रताप व उज्जवल सोमवार तक भर्ती कर लिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के.के. गुप्ता, आरबीएसके टीम-ए मारहरा द्वारा 1 साल की उमा जिसका वजन 4.5 किग्रा था, को एनआरसी केंद्र में भर्ती कराया गया। डॉ. रेशु चौहान व डॉ प्रतीक जौहरी, आरबीएसके टीम-बी सकीट द्वारा 3 वर्षीय संध्या को एनआरसी में भर्ती कराया गया, जो कि कुपोषित की श्रेणी में थी।
दिया जाता है पौष्टिक आहार

मेडिकल ऑफिसर एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अंशुल गुप्ता ने बताया कि केंद्र में 6 माह से 5 साल तक के कुपोषित बच्चे रखे जाते हैं। यहां शुरुआती दौर में 14 दिन रखकर बच्चों को इलाज व पोषण तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है। इस दौरान भर्ती होने वाले बच्चों के लिए स्पेशल डाइट तैयार की जाती है। इसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा जैसे जरूरी तत्व होते हैं। यह भोजन शुरुआती दौर में बच्चे को दो-दो घंटे बाद दिया जाता है। यह प्रक्रिया रात में भी चलती रहती है। इसके अलावा बच्चे के साथ आने वाली मां या परिजन को भोजन के अलावा 50 रोजाना भत्ता भी दिया जाता है।

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