कुछ ही दूरी पर पुलिस ने रोका जुलूस कासगंज हिंसा की तपिश आसपास के जिलों में भी दिखना शुरू हो गई है। इसी क्रम में एटा के घंटाघर चौराहे से कुछ युवाओं ने तिरंगा हाथ में लेकर जुलूस निकालना शुरू किया। नारेबाजी करते हुए युवाओं की टोली जैसे ही रोवाड़ी मोहल्ला तक पहुंची तब तक सूचना पाकर पुलिस आ गई। पुलिस ने जुलूस को यहीं रोक दिया और भीड़ को तितर वितर कर दिया।
क्या कहना है पुलिस का इस संबध कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है। फिलहाल अभी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है।
खुफिया तंत्र फेल इस जुलूस के बाद प्रशासन की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं। खुफिया तंत्र की असफलता सामने आई है। आखिरकार कासगंज के हालातों के बाद भी खुफिया तंत्र को इस जुलूस के निकलने की तैयारी के बारे में पहले से कोई सूचना क्यों नहीं मिल पाई।
क्या हैं कासगंज के हालात बता दें कि तीसरे दिन भी कासगंज के हालात तनावर्ण हैं। सुबह एक सोरों में एक कपड़े की दुकान में आग लगा दी गई। लोग घरों में कैद हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इस बीच लगातार सुरक्षा बल गश्त कर रहे हैं। हालांकि पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबित हालात अब सामान्य हो रहे हैं। अधिकारियों की शांति बहाली को कोशिश के बीच मृतक चंदन के परिजन अपनी मांगों को लेकर तमाम हिंदूवादी संगठन के साथ धरने पर बैठ गए। नदरई गेट स्थित प्रभू पार्क में सैकड़ों की संख्या में तमाम हिंदूवादी संगठन मृतक चंदन के परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। पुलिस ने कासगंज में अपना तलाशी अभियान शुरू किया। कुछ घरों की तलाशी ली गई। तहसील रोड पर एक घर से एक देशी पिस्टल और एक बम मिला है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि हिंसा करने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी। पुलिस ने अब तक करीब 50 लोग हिरासत में लिए हैं। उनसे पूछताछ की जा ही है।