ये है मामला
बता दें कि 2009-10 में डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में दिव्यांग उपकरण वितरण शिविर लगाए थे। दावा किया गया था कि इन शिविरों में आने वाले दिव्यांगों को उपकरण दिए गए। वितरण का सत्य़ापन परियोजना निदेशक के तौर पर लुईस खुर्शीद ने किया। लेकिन इस मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने एक शिकायत के आधार पर जांच की तो लुईस खुर्शीद द्वारा लगाई गई सत्य़ापन रिपोर्ट फर्जी पाई गई। इसके बाद एटा के अलीगंज थाने में लुईस खुर्शीद और संस्था के सचिव अतहर फारुखी के खिलाफ 15 जून 2017 को एफआईआर दर्ज की गई। लुईस के खिलाफ इस मामले को लेकर प्रदेश भर की अलग अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है। लुईस ने अलग अलग जगह जमानत याचिका दायर कर रखी है।
बता दें कि 2009-10 में डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में दिव्यांग उपकरण वितरण शिविर लगाए थे। दावा किया गया था कि इन शिविरों में आने वाले दिव्यांगों को उपकरण दिए गए। वितरण का सत्य़ापन परियोजना निदेशक के तौर पर लुईस खुर्शीद ने किया। लेकिन इस मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने एक शिकायत के आधार पर जांच की तो लुईस खुर्शीद द्वारा लगाई गई सत्य़ापन रिपोर्ट फर्जी पाई गई। इसके बाद एटा के अलीगंज थाने में लुईस खुर्शीद और संस्था के सचिव अतहर फारुखी के खिलाफ 15 जून 2017 को एफआईआर दर्ज की गई। लुईस के खिलाफ इस मामले को लेकर प्रदेश भर की अलग अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है। लुईस ने अलग अलग जगह जमानत याचिका दायर कर रखी है।