जिला मलेरिया निरीक्षक लोकमन सिंह कस कहना है कि जिले में समय-समय पर मलेरिया पर नियंत्रण के लिए अभियान चलाए जाते हैं। जनवरी से अब तक 7260 लोगों के खून की जांच की गई, जिनमें से 67 पॉजिटिव पाए गए थे। सभी 67 मरीज मेडिकल ट्रीटमेंट पाकर स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए सभी पीएचसी व सीएसी पर डीडीटी, मेलाथियान डस्ट, मेलाथिऑन टेक्निकल (फॉगिंग के लिए), अबेट (लारवा को मारने के लिए) पहुंचा दी गई है।
मलेरिया के लक्षण
तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात शरीर में कमजोरी आदि।
घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दें।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
नीम की पत्ती का धुंआ करें।
बुखार आने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में अथवा आशा कार्यकत्री से रक्त की जांच अवश्य कराएं।
घर के आस पास कूड़ा एकत्र ना होने दें।
बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराए दवा का इस्तेमाल न करें तथा खाली पेट मलेरिया की दवा ना खाएं।
संभावित मलेरिया रोगी एस्प्रिन ,ब्रूफेन आदि दवाओं का सेवन ना करें।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में मलेरिया जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी 25 अप्रैल को जनपद में समस्त ब्लॉकों पर समस्त सामुदायिक व प्राथमिक केंद्रों पर विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही मलेरिया रोग से बचाव के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विद्यालय में प्रेयर के समय छात्र छात्राओं को जागरुक किया जाएगा ।साथ ही आशा,एएनएम आदि घर घर जाकर मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाएंगी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को प्रातः 11:30 बजे सभी एमओआईसी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, कार्यकर्ता, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट आदि की मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें मलेरिया से बचाव के संबंध में निर्देशित किया जाएगा।