अग्निदेव का किसानों पर कहर
वर्ष 2019 गेहूं किसानों के लिये कहर बनकर आया है। इस वर्ष सिर्फ एटा जिले की बात करें, तो खेत खलिहान में अग्निकांड का आंकड़ा सेंचुरी मारने को तैयार है। मंडी समिति में अभी तक 80 से अधिक किसानों की रिपोर्ट पहुंच चुकी है। ऐसे किसानों को राहत देने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना की शुरुआत की है, लेकिन इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
वर्ष 2019 गेहूं किसानों के लिये कहर बनकर आया है। इस वर्ष सिर्फ एटा जिले की बात करें, तो खेत खलिहान में अग्निकांड का आंकड़ा सेंचुरी मारने को तैयार है। मंडी समिति में अभी तक 80 से अधिक किसानों की रिपोर्ट पहुंच चुकी है। ऐसे किसानों को राहत देने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना की शुरुआत की है, लेकिन इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
इतनी मिलेगी सहायता राशि
मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत एक हेक्टेयर की फसल क्षतिग्रस्त होने की दशा में सरकार द्वारा अधिकतम 30 हजार रुपये दिया जायेगा। एक हेक्टेयर से दो हेक्टेयर की फसल क्षतिग्रस्त होने पर 40 हजार और दो हेक्टेयर से अधिक फसल क्षतिग्रस्त होने की दशा में मुआवजे की राशि 50 हजार रुपये दी जायेगी।
मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत एक हेक्टेयर की फसल क्षतिग्रस्त होने की दशा में सरकार द्वारा अधिकतम 30 हजार रुपये दिया जायेगा। एक हेक्टेयर से दो हेक्टेयर की फसल क्षतिग्रस्त होने पर 40 हजार और दो हेक्टेयर से अधिक फसल क्षतिग्रस्त होने की दशा में मुआवजे की राशि 50 हजार रुपये दी जायेगी।
बेहद कम है सहायता राशि
खेत में अग्निकांड के बाद लेखपालों द्वारा जो फसल नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, वो प्रति बीघा 4 कुंतल गेहूं के हिसाब से है, यानि सरकारी रेट से इसकी कीमत करीब 7200 रुपये होती है, यानि प्रति कुंतल करीब 1800 रुपये के भाव को देखा जाये तो। सरकारी योजना के तहत एक हेक्टेयर की फसल यानि करीब 12 बीघा फसल नष्ट होने पर अधिकतम सहायता राशि 30 हजार रुपये दी जायेगी, जबकि 12 बीघा फसल का आंकलन किया जाये तो इसकी अनुमानित कीमत 86 हजार के आस पास होती है। ऐसे में ये योजना किसानों को एक बड़ा मजाक ही लग रही है।
खेत में अग्निकांड के बाद लेखपालों द्वारा जो फसल नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, वो प्रति बीघा 4 कुंतल गेहूं के हिसाब से है, यानि सरकारी रेट से इसकी कीमत करीब 7200 रुपये होती है, यानि प्रति कुंतल करीब 1800 रुपये के भाव को देखा जाये तो। सरकारी योजना के तहत एक हेक्टेयर की फसल यानि करीब 12 बीघा फसल नष्ट होने पर अधिकतम सहायता राशि 30 हजार रुपये दी जायेगी, जबकि 12 बीघा फसल का आंकलन किया जाये तो इसकी अनुमानित कीमत 86 हजार के आस पास होती है। ऐसे में ये योजना किसानों को एक बड़ा मजाक ही लग रही है।
ये बोले पीड़ित किसान
थाना पिलुआ क्षेत्र में 28 अप्रैल को अग्निकांड हुआ, जिसमें कुसम की करीब 10 बीघा फसल जलकर नष्ट हो गई। कुसम ने बताया कि लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार यदि मुआवजा मिले, तो राहत मिल सकेगी। किसान नेता रमेश यादव ने बताया कि सरकार किसानों के साथ सहायता के नाम पर मजाक कर रही है। सरकार को ऐसा कदम उठाना चाहिये, जिससे किसानों को उनकी नुकसान हुई फसल का उचित मुआवजा मिल सके।
थाना पिलुआ क्षेत्र में 28 अप्रैल को अग्निकांड हुआ, जिसमें कुसम की करीब 10 बीघा फसल जलकर नष्ट हो गई। कुसम ने बताया कि लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार यदि मुआवजा मिले, तो राहत मिल सकेगी। किसान नेता रमेश यादव ने बताया कि सरकार किसानों के साथ सहायता के नाम पर मजाक कर रही है। सरकार को ऐसा कदम उठाना चाहिये, जिससे किसानों को उनकी नुकसान हुई फसल का उचित मुआवजा मिल सके।
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