सपा अध्यक्ष का कहना है कि पुलिस प्रमुख होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि पुलिस आखिरकार कैसे वसूली करती है यह बड़ा सवाल खड़ा हुआ है लेकिन जब उनके स्तर से कई थानेदारों की तैनाती पर सवाल उठाया गया तो एसएसपी ने आनन फानन में कइ थानेदारों के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर दिया गया फिर भी वसूली करने वाले थानेदारों को नये थानों में तैनात कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने इटावा की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे जिले में लूट मचाये हुए है। पुलिस आम आदमी को पकड़ कर के थाने में बंद कर रही है और उससे विभिन्न तरीके से प्रताड़ित करके धन वसूली करने में जुटी हुई है।
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने आज दोपहर पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि इस समय पुलिस ने लूट मचा रखी है ओर जिस तरह से भले लोगों को अपमानित किया जा रहा है। इसमें लोग आवाज़ उठा रहे है । जनपद में किसी भी भले व्यक्ति का सम्मान सुरक्षित नहीं है। किसी भी व्यक्ति को जा करके पुलिस अपमानित कर सकती है ओर किसी के भी घर पर जा कर बुजुर्गाें को महिलाओ को उठा कर ले जा सकती है। जिस घर में महिलाएं होती है वहां पर मानवीयता का भी पुलिस ख्याल नहीं रखती है ।
उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि इंस्पेक्टर थाने के बजाय आफिस में फाइले उठा रहे है और सबइंस्पेक्टर थाना चला रहे है क्योंकि उन पर एसएसपी की मेहरबानी बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दाेष लोगों को जेल भेजने का काम कर रही है। उनके पास इस तरह की भी खबरे है जिसमें स्पष्ट है कि सैकड़ों निर्दाेष लोगों को जेल भेजा जा चुके है। अगर जेल में आप मिलने जाए तो वहां देखेंगे कि जेल की हालात कितनी खराब है। अगर जेल में कैद लोगों की बात को माना जाए तो 90 प्रतिशत लोग निर्दाेष है । अगर इटावा जेल की बात की जाए तो यहां मात्र 600 लोगों की ही क्षमता है लेकिन 2000 के पास लोगों को कैद करके रखा गया है। इसमें से 90 फीसदी लोग निर्दाेष है।
उन्होने डीजीपी का हवाला देते हुए कहा कि डीजीपी कहते है कि पुलिस मित्र पुलिस के तौर पर काम कर रही है लेकिन इटावा की पुलिस शत्रु बन गई है । उन्होंने इटावा के जसवंतनगर इलाके के परसौआ गांव में हुई एक वारदात का जिक्र करते हुए आरोप कहा कि उनके पास आ रही सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने विभिन्न तरह से संदिग्ध बता कर लोगों ने कम से कम 60 लाख रुपये तक की वसूली की है। यह सब ऐसे ही नहीं हो जाता है निश्चित है कि इसमें जिले के मुखिया की भी भूमिका भी होती है ।