इटावा

एक चोर की कहानी, जोकि सूट-बूट में लैपटॉप लेकर निकलता था चोरी करने

अलबेला चोर था वह, कुछ नियम-कायदे थे, जिन्हें निभाता था। रात 11 बजे सज-धजकर लैपटॉप का बैग लेकार निकलता था और…..

इटावाMay 17, 2018 / 06:37 pm

आलोक पाण्डेय

इटावा. आइए, एक चोर की कहानी सुनते हैं, बिल्कुल सच्ची कहानी है। राबिनहुड अंदाज नहीं, राजकुमार जैसा अंदाज वाले चोर ने अपने नियम-कायदे बना रखे थे। अव्वल धंधे में कोई साझीदार नहीं होगा, कोई राजदार नहीं होगा। काम अकेले ही करेंगे और बीवी के साथ मिलकर मौज करेंगे। रात 11 बजे कोट-पैंट पहनकर चोरी करने निकलता था तो कंधे पर लैपटॉप का बैग रहता था। मोहल्ले के लोग समझते थे कि कोई शरीफ इंसान है, जोकि किसी बड़ी कंपनी में नाइट ड्यूटी करता है। एक चूक से सूट-बूट वाला चोर पकड़ा गया तो उसके कब्जे से आधा किलो सोने के आभूषण,15 किलो चांदी, 74 चांदी के सिक्के, 11 स्मार्टफोन, डेढ़ किलो वजन की डुप्लीकेट चाभियां और दो बाइक। इसके साथ चोर की कमर से एक पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस भी पुलिस को मिले हैं। चोर ने कबूल किया है कि उसने अकेले दम पर कानपुर शहर में 40 चोरियों को अंजाम दिया है। इस चोर ने कानपुर के साथ-साथ इटावा, कन्नौज और औरैया में भी तमाम वारदातों को अंजाम दिया है।


ग्वालियर का बंदा और बीवी का नाम पूजा

शहर की नौबस्ता पुलिस के हत्थे चढ़े चोर का नाम है अरवेंद्र रजक, जोकि मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर का निवासी है। अरवेंद्र का कहना है कि चोरी करना तो उसका शौक है। उसे चोरी करने के 120 तरीके मालूम हैं। पुलिस की पूछताछ में अरवेंद्र बेखौफ होकर बताता रहा कि उसका कोई साथी नहीं है, क्योंकि उसका सिद्धांत है कि अकेले ही चोरी करना चाहिए। लफंगे और चोर-उचक्के किस्म के दोस्त नहीं हैं, इसलिए किसी भी मोहल्ले में बतौर किरायेदार रहने पर पड़ोसी शरीफ और ईमानदार समझते हैं। नौबस्ता गल्लामंडी के पास किराये के मकान में अरवेंद्र फिलवक्त अपनी पत्नी पूजा उफऱ् प्रीती के साथ रहता था। बीवी को मालूम था कि उसका पति एक अव्वल दर्जे का चोर है, लेकिन वह तो अरवेंद्र के हुनर पर फिदा थी। इसके अलावा चोरी की रकम से उसके शौक पूरे होते रहे थे। बहरहाल, अरवेंद्र और उसकी पत्नी ने पड़ोसियों को बता रखा था कि वह रात में ड्यूटी करता है और दिन में सोता है। अरवेंद्र रात के ग्यारह बजे अच्छे कपड़े पहन कर लैपटॉप बैग लेकर निकल जाता था। बैग में डुप्लीकेट चाभियों का गुच्छा और हथौड़ी और ताले तोडऩे का सामान रहता था।
 

 

साप्ताहिक अवकाश भी लेता था चोर

अलबेला चोर ‘नाइट ड्यूटी’ तो करता था, साथ ही ‘साप्ताहिक अवकाश’ भी लेता था। पुलिस को अवरेंद्र ने बताया कि पूरी रात घूम-घूम कर चोरी की वारदातों को अंजाम देता था और सुबह 5 बजे घर आकर नींद पूरी करता था। शाम के वक्त काम पर निकलने से पहले ऐसे घरों की रेकी करता था, जोकि बंद रहते थे। सप्ताह में एक दिन चोर अवरेंद्र आराम भी करता था। उसने पड़ोसियों को बता रखा था कि एक महीने में उसकी सिर्फ चार दिन छुट्टी होती है। चोरी के काम और चोरी के माल को ठिकाने लगाने में अवरेंद्र की पूजा भी सहयोग करती थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है।

70 हजार से एक लाख की कीमत के दर्जनों मोबाइल बरामद

अवरेंद्र को पकडऩे के बाद एसपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि अवरेंद्र बहुत ही शातिर किस्म का चोर है। उसके कब्जे से 70 हजार से एक लाख की कीमत के दर्जनों मोबाइल बरामद हुए हैं। हैरत यह कि अरवेंद्र किसी से भी मोबाइल पर बात नहीं करता था। वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल सिर्फ टार्च जलाने और एफएम पर गाने सुनने में करता था। अरवेंद्र और उसकी पत्नी के पास से बड़ी मात्रा में आभूषण बरामद हुए हैं। अवरेंद्र और पूजा से चोरी का माल खरीदने के जुर्म में पुलिस ने दो सर्राफा व्यापारियों आकाश वर्मा और संजय वर्मा को गिरफ्तार किया है।

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