ये भी पढ़ें- ताजा बयान में अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी के समर्थन में कही बड़ी बात मोनिका बेदी ने कहा यह- निजी कार्यक्रम के चलते वे उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद वापस चली गईं। हालांकि उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि 3 साल से किन कारणों के चलते सैफई महोत्सव नहीं हो रहा, लेकिन वे उम्मीद करती हैं कि अगले साल यह कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि मुझे इसका इंतजार रहेगा और मैं इसमें शामिल होने जरूर आऊंगी। बता दें कि मोनिका इससे पहले सैफई महोत्सव में ही मंच साझा करने पहुंचीं थीं। उद्घाटन समारोह में उन्होंने बेटियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इसलिए हमें अपने आप को किसी भी स्तर तक पहुंचाने के लिए लगातार मन से प्रयास करना चाहिए। इस दौरान स्वरांजलि ग्रुप ऑफ इंटरटेरमेंट के संदीप श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
ये भी पढ़ें- रायबरेली घटना मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, यह 10 लोग हुए गिरफ्तार लगातार तीसरी बार नहीं हुआ महोत्सव- सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गांव में साल के आखिर दिनों मे बेहिसाब चकाचौंध के लिए लोकप्रिय सैफई महोत्सव की तड़क भड़क लगातार तीसरी दफा भी नहीं हो पाया। लगातार तीसरी दफा सैफई महोत्सव के रद्द होने के पीछे परिवार में सामान्य हालात ना होना मुख्य वजह माना जा रहा है। सैफई महोत्सव समिति की ओर से हर साल 13 नंबवर को सैफई महोत्सव समिति के संस्थापक दिंवगत रणवीर सिंह यादव की पुण्यतिथि पर बैठक का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन पिछले साल समिति की ओर से कोई बैठक भी नहीं की गई।
दो हफ्तों से ज्यादा चलता है यह मोहत्सव- सैफई महोत्सव समिति ने आयोजन के लिए प्रतिवर्ष 26 दिसंबर की तारीख तय कर रखी है। 26 से 12 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव की धूम पूरे देश में रहती है। महोत्सव के मंच पर देश के जाने माने सिने कलाकार, साहित्यकार और लोक कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करनेे आते हैं। इसके समापन पर बॉलीवुड स्टार नाइट सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहती है, लेकिन इस बार लोगों को ये चमक दमक नहीं दिखेगी। वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सैफई महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था।
सैफई महोत्सव की है अपनी लोकप्रियता- “मुबंई के टुकड़े” के रूप में सैफई की पहचान आज से नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान से है। लोक कला के उत्थान की गरज से सैफई गांव में हर साल के आखिर में जोरदार समारोह का आयोजन कराया जाता रहा है। सत्ता रहे या ना रहे लेकिन सैफई महोत्सव के नाम से होने वाले समारोह की हनक हमेशा बरकरार रहती है।
महोत्सव ही होता था मनोरंजन का साधन- नेता जी के भतीजे दिवगंत रणवीर सिंह ने सैफई महोत्सव की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से की थी। शुरुआत में सैफई महोत्सव में आस-पास के गांव के लोग ही आते थे, लेकिन जैसे जैसे सैफई महोत्सव का सफर आगे बढ़ता गया, यह भव्य रूप लेता गया। पहले महोत्सव बड़े-बड़े शहरों में आयोजित किए जाते थे, इसलिए जब सैफई जैसे छोटे से गांव में महोत्सव की शुरुआत हुई तो यह लोगों के लिए कौतूहल भरा था। महोत्सव का मतलब है एक जगह लोगों की आपस में मुलाकात होना, आपस में बातचीत होना, भाईचारा मजबूत होना और लोगों का मनोरंजन होना। गांवों-देहातों में रहने वाले लोगों के पास पहले मनोरंजन के साधन नहीं होते थे। महोत्सव ही उनके मनोरंजन के साधन हुआ करते थे।
रणवीर सिंह के नाम पर रखा गया महोत्सव का नाम- 13 नंबवर 2002 में नेता जी के भतीजे रणवीर सिंह की आकस्मिक मृत्यु के बाद महोत्सव के आयोजकों ने इसे उनके नाम पर आयोजित करने का फैसला किया। उसके बाद से सैफई महोत्सव का रणवीर सिंह स्मृति सैफई महोत्सव कर दिया गया। वैसे सैफई महोत्सव के हिस्से में विवादों का भी नाता रहा है। कभी बेहिसाब खर्च को लेकर विपक्ष सवाल उठाते रहे, तो कभी सैफई महोत्सव पर सरकारी धन के दुरूपयोग को लेकर सवाल खड़े किये गये।