इटावा

इटावा की तरह हरियाणा में भी बनेगी सफारी, सफारी की व्यवस्थाएं देखेंगे हरियाणा के वन मंत्री

इटावा सफारी की तरह हरियाणा में भी सफारी बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है।

इटावाAug 11, 2019 / 10:51 pm

Abhishek Gupta

Etawah Safari

इटावा. इटावा सफारी की तरह हरियाणा में भी सफारी बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके चलते हरियाणा के वन व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरवीर सिंह सोमवार को इटावा पहुंचेंगे। उनके साथ हरियाणा के वन विभाग के अधिकारियों की टीम भी होगी। यह लोग सफारी की व्यवस्थाएं देखेंगे और इटावा की तर्ज पर हरियाणा में भी सफारी बनाए जाने की कोशिश करेंगे। इटावा सफारी को पहले ही विश्व स्तरीय सफारी घोषित किया जा चुका है। इसके बाद कई अन्य राज्य अपने यहां सफारी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें ताजा नाम हरियाणा का शामिल हुआ है। इटावा की ही तरह हरियाणा में भी सफारी बनाने और उसमें कई प्रकार के वन्यजीवों को रखने के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है। इस कार्य में इटावा सफारी को आदर्श के रूप में लिया गया है। इटावा सफारी की ही तरह हरियाणा में भी सफारी बनाए जाने की तैयारी चल रही है।
हरियाणा के वन मंत्री और उनके वन विभाग की पूरी टीम के इटावा आगमन और सफारी देखने को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे यह भी साफ हो गया है कि इटावा सफारी अब विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है और देश के अंदर दूसरे राज्य भी इसी आधार पर अपने यहां सफारियां विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इटावा सफारी पार्क में अलग-अलग पांच सफारियां बनाई गई हैं। इनमें शेर, भालू, हिरन, एंटीलोप व लैपर्ड के लिए सफारियां बनाई गई हैं। इसके साथ ही फैसिलेशन सेंटर भी बनाया गया है जो अपने आप में अनूठा है और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।
बिहार, छत्तीसगढ़, एमपी व महाराष्ट्र में शुरू हुए हैं प्रयास
सोमवार को हरियाणा के वन मंत्री इटावा आ रहे हैं। इससे पहले बिहार, छत्तीसगढ़, एमपी व महाराष्ट्र के वन विभाग के अधिकारी इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं और इटावा सफारी को आदर्श मानकर इसी की तर्ज पर अपने यहां भी सफारी बनाने के प्रयास में जुटे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की इसमें खासी रुचि है, उनके ओएसडी तथा पटना के वन संरक्षण गोपाल सिंह अपनी टीम के साथ इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बताया था कि नालंदा जिले के राजगीर में 500 हेक्टेयर में सफारी बनाए जाने का प्रस्ताव है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सीपीएफ कंचन देवी व सीपीएफ लॉयन प्रोजेक्ट पंकज अग्रवाल भी इटावा सफारी आए थे और वे मध्य प्रदेश में वहां की सरकार के निर्देश पर सफारी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर वहां के अतिरिक्त सीसीएफ मुदित कुमार भी इटावा आकर सफारी की व्यवस्थाएं देख चुके हैं और अपने राज्य में सफारी के लिए प्रयासरत हैं। महाराष्ट्र के अधिकारी भी इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं।
शेरों के रख-रखाव पर है जोर
सफारी में शेरों के रख-रखाव की जानकारी हासिल करने के लिए अन्य राज्यों के अधिकारी खासी रुचि ले रहे हैं। इटावा में गुजरात से लाकर शेरों को शिफ्ट किया गया है। यह शेर न केवल सेहतमंद हैं बल्कि शेरों का कुनवा भी बढ़ रहा है। दूसरे राज्यों से आने वाले अधिकारियों का खासा जोर यह जानकारी हासिल करने में रहता है कि शेरों को दूसरी जगह से शिफ्ट करके किस तरह स्वस्थ रखा जा सकता है और उनका कुनवा बढ़ाया जा सकता है।
कैनाइन डिस्टेम्पर पर पाई विजय
कैनाइन डिस्टेम्पर शेरों की जानलेवा बीमारी है और इसका इलाज बेहद कठिन है। इटावा सफारी के शेरों को भी इस बीमारी ने काफी परेशान किया है। जिसके चलते वे काल के गाल में समां गए हैं। उसके बाद अमेरिका की सफारी के सहयोग से कैनाइन डिस्टेम्पर की वैक्सीन विकसित की गई। जिसके चलते इस
जानलेवा बीमारी पर काबू पाया गया है। पिछले दिनों जब गुजरात के शेरों को यह बीमारी लगी थी तब इटावा से ही डाक्टर व वैक्सीन भेजी गई थी।
…लेकिन जनता की पहुंच से दूर है सफारी
इटावा सफारी ने देश के अलग-अलग राज्यों के साथ विश्व स्तर पर भले ही अपनी पहचान बना ली है, लेकिन यह अभी तक आम जनता की पहुंच से दूर है। पिछले वर्ष एक जून को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने इसका उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन इसे पर्यटकों के लिए अभी तक नहीं खोला जा सका है। जिसके कारण आम लोग सिर्फ सफारी की चर्चा सुनते हैं। सफारी के दीदार करने का अवसर उन्हें अभी तक नहीं मिल पाया है।
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