रेलवे सूत्रों के अनुसार पुरी से आनन्द बिहार जा रही गाडी संख्या 12815 अप नन्दन कानन एक्सप्रेस के सबसे पीछे के जरनल कोच में कानपुर से ट्रेन निकलने के बाद फौजियों ने जमकर उत्पात मचाया। सेना भवन नई दिल्ली में तैनात लगभग 15-16 फौजी छुट्टी के बाद वापस ड्यूटी पर जा रहे थे।
इलाहाबाद व कानपुर के अलावा अन्य स्टेशनों से भी फौजी ट्रेन में सवार हुए थे। जब ट्रेन कानपुर से छूटी तो सभी ने यात्रियों के साथ मारपीट की और उनका सामान भी फेंकने लगे। इसी कोच में बिहार पुलिस के दो सिपाही भी बैठे हुए थे जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो फौजियों ने उनके साथ भी मारपीट कर दी। इससे विवाद बढ़ गया जिसकी जानकारी टूंडला कंट्रोल को दी गई।
कंट्रोल के निर्देश पर ट्रेन 3 बजकर 30 मिनट पर इटावा जंक्शन पर रोकी गई। ट्रेन के रुकते ही जीआरपी इंस्पेक्टर कृपाल शंकर, एसएसआई पीपी सिंह, एसआई प्रकाश चन्द्र शर्मा, आरपीएफ इंस्पेक्टर बीके शर्मा, एएसआई एनएस चाहर व अन्य जवानों ने ट्रेन को घेर लिया और बोगी में पहुंचकर सभी से पूछताछ की। फौजियों ने बिहार पुलिस के सिपाहियों से माफी मांगी तब जाकर विवाद शांत हुआ। इस मामले के चलते 15 मिनट तक ट्रेन खडी रही और 3 बजकर 45 मिनट पर आगे के लिए रवाना हुई। माफीनामा ट्रेन में चल रहे स्कार्ट को लिखकर दिया गया। वहीं बिहार पुलिस के सिपाहियों ने भी लिखित दिया कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाह रहे हैं।