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शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जांच में बीएसए को मिली क्लीनचिट, खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर कर रहे थे यह काम

locationइटावाPublished: Jun 13, 2019 09:31:08 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर दस लाख रुपये की वसूली सहित अन्य भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ की शिकायत पर गठित जांच समिति ने इटावा के बीएसए को क्लीनचिट दे दी है।

Big Corruption in education department

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जांच में बीएसए को मिली क्लीनचिट, खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर कर रहे थे यह काम

इटावा. खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर दस लाख रुपये की वसूली सहित अन्य भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ की शिकायत पर गठित जांच समिति ने इटावा के बीएसए को क्लीनचिट दे दी है। इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर. ने जांच रिर्पोट जारी करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी है। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर गठित जांच समिति ने 6 बिंदुओं पर की गई शिकायतों पर जांच की थी। शासन स्तर पर हुई शिकायतों और हाईकोर्ट में भी गये इस मामले की चर्चा जनपद में कई माह से हो रही थी।

जानिए क्या है पूरा मामला

इटावा में बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर शासन स्तर पर की गई शिकायतों और मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर. से प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद यादव और शिक्षक संगठन के पदाधिकारी उपेन्द्र त्रिपाठी द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह पर खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर प्रति विद्यालय 600 रुपए की वसूली और स्पोर्ट्स किट की खरीद में शिक्षकों पर दबाव बनाने के साथ ही अग्निशमन सिलेण्डरों में प्रति विद्यालय 1300 रुपए की वसूली और आचार संहिता के दौरान 68500 शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार करने सहित कई बिंदुओं पर मार्च माह में की गई। शिकायतों पर गठित जांच समिति जिला विकास अधिकारी प्रमोद कुमार सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी रोहित कुमार उपायुक्त स्वतः रोजगार बृजमोहन अम्बेड ने की थी।

इस मामले में जांच समिति ने 6 विंदुओं पर अपनी रिपोर्ट दी है जिसमें किसी भी मामले में भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खेलकूद प्रतियोगिता के नाम पर 600 रुपए प्रति विद्यालय का कोई आदेश बीएसए द्वारा नहीं दिया गया था और शिकायत कर्ताओं की भी आपसी सहमति से खेलकूद प्रतियोगिता का बेहतर आयोजन करने के लिए धनराशि ली गई थी जिसका कोई दबाव शिक्षकों पर नहीं डाला गया था। आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को भी जांच समिति ने खारिज कर दिया है साथ ही अन्य मामलों में भी शिकायत कर्ताओं द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत न कर पाने पर आरोपों को निराधार माना है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह पर बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक से शिकायत की गई थी। कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी द्वारा भी इन्हीं मामलों को लेकर मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडे से की गई। शिकायत पर कानपुर मंडलायुक्त को जांच सौंपी गई है। इस संबध में हाईकोर्ट में भी दायर एक जनहित याचिका पर दो माह में रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए जांचधिकारी को निर्देश दिया गया था।

इस बाबत जांच समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि अपनी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है वहीं इस मामले में शिकायतकर्ता उपेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि वह जांच रिपोर्ट का अवलोकन कर रहे हैं। वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश के तहत शिकायतें की गई थी। जांच के बाद असलियत सामने आ गई है।

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