यह था मामला
प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह इटावा दौरे पर आए थे। जैसे ही वे सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस पहुंचे, पार्टी के कार्यकर्त्ता भी पीछे-पीछे चल दिए, लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं ने कुछ दूसरे कार्यकर्ताओं को कमरे से बाहर निकाल दिया और हंगामा किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यह सपा का कार्यकर्ता है। इसलिए हम अंदर नहीं जाने देंगे। इसी बात को लेकर दोनों में हाथापाई भी हो गई। दूसरे कार्यकर्ता पर आरोप लगाया कि ऐसे लोग पार्टी में आकर पार्टी को बदनाम करते हैं।
प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह इटावा दौरे पर आए थे। जैसे ही वे सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस पहुंचे, पार्टी के कार्यकर्त्ता भी पीछे-पीछे चल दिए, लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं ने कुछ दूसरे कार्यकर्ताओं को कमरे से बाहर निकाल दिया और हंगामा किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यह सपा का कार्यकर्ता है। इसलिए हम अंदर नहीं जाने देंगे। इसी बात को लेकर दोनों में हाथापाई भी हो गई। दूसरे कार्यकर्ता पर आरोप लगाया कि ऐसे लोग पार्टी में आकर पार्टी को बदनाम करते हैं।
बड़ा सवाल यहां यह खड़ा हो रहा है कि अगर जिस कार्यकर्ता पर आरोप लग रहा है, क्या वह सपा का सक्रीय कार्यकर्ता है। साथ ही बीजेपी की होर्डिंग में इस कार्यकर्ता की फोटो कैसे आ गयी ।
इन दोनों तस्वीर देखने से लगता है कि पार्टी में कहीं ना कहीं अंदरूनी लड़ाई जरूर है। इस मामले में मंत्री का कहना है कि जो लोग पार्टी का नाम बदनाम करते हैं, वो लोग पार्टी के कार्यकर्त्ता नहीं हो सकते हैं। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता सही हैं। रही प्रोटोकॉल की बात तो हम खाना कहीं भी खा सकते हैं।
वही प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में आचार-विचार, संस्कार हैं इस लिए परेशानियां आ रही है। अधिकारी जो डांट-फटकार सुनते थे उसकी वही आदत है। धीरे-धीरे हम बदल रहे हैं। कानून का राज्य स्थापित होगा। गुंडा राज्य समाप्त हो रहा है। भाजपा के कार्यकाल के कारण परिस्थितियां बदल रही हैं। जब मीडिया द्वारा यह पूछा गया कि आपके प्रोटोकॉल में जिस कार्यकर्ता को भोजन पर निमंत्रण था, उसी को भाजपा कार्यकर्ताओं ने धक्के मार कर बाहर निकाल दिया। इस पर मंत्री जी खड़े होकर भागने लगे और कहा कि वह हमारा कार्यकर्ता नहीं हो सकता है।