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अखिलेश यादव चले पीएम मोदी के नक्शे कदम पर, भाजपा ने ली चुटकी तो भड़के सपाई…

locationइटावाPublished: Nov 16, 2017 05:56:01 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

समाजवादी पार्टी के मुखिया व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं।

BJP government is zero delivery government says Akhilesh Yadav

BJP government is zero delivery government says Akhilesh Yadav

इटावा. समाजवादी पार्टी के मुखिया व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। मोदी ने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति बनवाई थी तो अखिलेश सैफई में भगवान कृष्ण की सबसे बड़ी मूर्ति बनवा रहे हैं। दावा है कि यह दुनिया में मुरलीधर की सबसे बड़ी मूर्ति है। इसका वजन और लागत जानकर आप दांतों तले अुंगली दबा लेंगे। इस मूर्ति के निर्माण के लिए कारीगरों को अमेरिका से बुलाया गया है।
देश में सबसे बड़ी प्रतिमा होने का दावा

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा के सैफई स्थित अपने स्कूल में 51 फीट ऊंची और ६० टन वजनी भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। छह करोड़ 32 लाख रुपए में यह मूर्ति तैयार हो गई है। मूर्ति का निर्माण छह महीने से हो रहा है और इसके बनने की किसी को कानोकान खबर तक नहीं लगी। भगवान कृष्ण की मूर्ति को श्रथ-पाणी मुद्रा में दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि भीष्म पितामाह पर क्रोधित होकर कृष्ण शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देते हैं। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र का रूप दिया जाएगा। इससे पूरा महाभारत काल दिखाई देगा। मूर्ति को बनवाने के लिए स्टील जापान से मंगवाया गया है। इसमें 35 टन तांबा और 25 टन स्टील लगा है। कृष्ण के हाथ में स्थित चक्र का वजन करीब सात टन है। इसे पूरा होने में करीब चार महीने लगेंगे।
अमेरिका के कारीगरों को बुलाया गया हे

इंजीनियरों का कहना है कि मूर्ति की स्थापना 15 जनवरी को हो जाएगी, लेकिन इसका उद्घाटन स्कूल खुलने के बाद ही किया जाएगा। मूर्ति को बनाने के लिए अमेरिका के कलाकारों को बुलाया गया है। इसमें प्राची प्रताप, प्रशांत प्रताप और एडवर्ट ब्रथेट शामिल हैं। इन्हीं तीनों मूर्तिकारों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में मौजूद जनेश्वर की मूर्ति को भी बनवाया था। 2012 से ये सभी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। मूर्ति को रंगने के लिए दुबई से मो. हसीब को बुलाया गया है। इस पर जहाजों पर किया जाने वाला पेंट किया जाएगा। यह पेंट मौसम-पानी से डल नहीं पड़ता। चमक बरकरार रहती है। भगवान कृष्ण की मूर्ति के स्ट्रक्चर को नोएडा के सूरजपुर के बिल्डर इमामुद्दीन और रियाज ने वेल्ड किया है। हसीब ने जाने-माने बिजनेस शिप्स पेंट किए हैं। इसमें सउदी अरब का ब्लू शिप ‘कार्गोÓ भी शामिल है। अगर हम सैफई करहल रोड पर चलें तो सैफई पेट्रोल पंप के बराबर से एक रास्ता सैफई मेडिकल कॉलेज की तरफ जाता है। बमुश्किल 200 मीटर चलने के बाद एक विशाल परिसर हमारे बाएं हाथ पर नजर आएगा, जो एक विद्यालय के रूप में निर्माणाधीन है।
तीन टुकड़ों में नोएडा से मंगाया गया ढांचा

आवासीय इंटरमीडिएट विद्यालय करीब 50 बीघा जमीन में बनाया जा रहा है। फिलहाल 70 मीटर गुणा 70 मीटर क्षेत्रफल में इस विद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। इसकी प्रथम मंजिल का ढांचा तैयार हो चुका है। दूसरी मंजिल के लिए ढांचा तैयार किया जा रहा है। विद्यालय परिसर में ही भगवान श्री कृष्ण की लगभग 50 फीट ऊंची मूर्ति को एक प्लेटफॉर्म पर लगाने का प्रयास किया गया है। इस मूर्ति के बारे में जानकारी की गई तो मालूम पड़ा कि पिछले सितंबर माह से यह मूर्ति तीन टुकड़ों में नोएडा से मंगाई गई है और इसकी आखिरी खेप अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में यहां पहुंची है। इन तीनों हिस्सों को तैयार कर इस विद्यालय परिसर में इक_ा किया गया और कुछ दिन पहले इसको संतुलन के आधार पर विद्यालय में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
51 फीट ऊंची है श्रीकृष्ण की यह प्रतिमा

बताया गया है कि अभी विद्यालय के भवन निर्माण में लंबा समय लगेगा और विद्यालय निर्माण के साथ-साथ ही इस कृष्ण प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। मूर्ति लगभग 51 फीट ऊंची है, जिसको संतुलन के आधार पर करीब सात-आठ फीट ऊंचे एक सीमेंटेड प्लेटफॉर्म पर रखने का प्रयास कारीगरों द्वारा किया गा है। निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों द्वारा कहा जा रहा है कि यदि प्रतिमा संतुलन में संतुष्टि नहीं मिली तो प्रतिमा स्थापना के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं। यह मूर्ति कांसा यानि तांबा और पीतल की मिश्रित धातु से बनाई गई है, जिसका वजन लगभग 50 टन बताया गया है। मूर्ति अंदर से खोखली है, लेकिन भारतवर्ष में श्री कृष्ण भगवान की यह प्रतिमा सबसे ऊंची बताई जा रही है।
भाजपा बोली- हिन्दुओं में पैठ बनाने की यह है सपा की चाल

बताया जाता है कि मूर्ति का थीम महाभारत से लिया गया है, जब युद्ध में भगवना श्री कृष्ण द्वारा शस्त्र ना उठाने की कसम के बावजूद भी वे रथ के पहिए को निकालकर आक्रामक स्थिति में नजर आ रहे हैं। बताया गया है कि इस मूर्ति स्थापना के पीछे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का विचार रहा है और उनके निर्देशन के अनुसार ही विद्यालय के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के अवसर पर इस श्री कृष्ण प्रतिमा का अनावरण किया जाना प्रस्तावित है। एक ओर विपक्षी पार्टियों द्वारा इस प्रतिमा को राजनीतिक रूप देते हुए मुद्दा बनाया गया है कि अखिलेश यादव द्वारा यादव वर्ग और अन्य श्री कृष्ण अनुयायियों में अपनी पैठ बढ़ाने के उद्देश्य से लोकसभा चुनाव 2019 से पहले इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे और आम जनता में यह संदेश देने का प्रयास करेंगे कि सपा भावनात्मक रूप से सभी हिंदुओं की पार्टी है और वह सभी हिंदू देवी-देवताओं का सम्मान करती है। वही दूसरी ओर इस मूर्ति स्थापना को लेकर सैफई के सैफई महोत्सव समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा द्वारा इस मूर्ति स्थापना को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है। सैफई में पहले से ही बजरंगवली की मूर्ति का अनावरण किया जा चुका है, जो अपने आप में एक विशाल प्रतिमा है। श्रीकृष्ण प्रतिमा की स्थापना भी एक निजी विचारधारा है, इसको राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।
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