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इंदिरा गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा करेगी भाजपा, सांसद ने की बड़ी घोषणा, उपेक्षित पंचनदा को मिलेगी नई पहचान

locationइटावाPublished: Jul 06, 2019 05:01:18 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

यहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष लगने वाले मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है।

Yogi Adityanath

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

दिनेश शाक्य.
इटावा. खूखांर डाकुओं की शरणस्थली चंबल घाटी में दुनिया का इकलौता पांच नदियों का संगम स्थल है पंचनदा, लेकिन यह अर्से से उपेक्षित है। पंचनदा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। वर्ष 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यमुना पट्टी के गांव सड़रापुर में बांध बनाने की घोषणा की थी लेकिन यह ऐसा प्रोजेक्ट था जो सिर्फ कागजों में रहा। अब पांच नदियों के संगमस्थल पंचनदा की सूरत बदलने के लिए इटावा से भारतीय जनता पार्टी सांसद रामशंकर कठेरिया प्रयास में जुट गये हैं। पूरे विश्व में इटावा का पंचनदा एक स्थल है,जहां पर पाच नदियों – यमुना, चंबल, क्वारी, सिंधु और पहुज का संगम हैं। दुनिया में दो नदियों के संगम तो कई स्थानों पर हैं, वहीं तीन नदियों के दुर्लभ संगम प्रयागराज को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण समझा जाता है, लेकिन पांच नदियों के इस संगम स्थल को त्रिवेणी जैसा धार्मिक महत्व नहीं मिल पाया है। पांच नदियों का यह संगम जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर बिठौली गांव स्थित है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष लगने वाले मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है।
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महाभारत काल में पांडवों ने एक वर्ष का अज्ञातवास इसी स्थान पर बिताया था। धार्मिक ग्रंथों में इसके प्रमाण भी मिलते हैं। महाभारत में जिस बकासुर नामक राक्षस का ज्रिक किया जाता है उसे भीम ने इस इलाके के एक एतिहासिक कुएं मे मार कर फेंका था। जनश्रुति के अनुसार संवत 1636 के आसपास भादों की अंधेरी रात में यमुना नदी के माध्यम से गोस्वामी तुलसीदास कंजौसा घाट पहुंचे थे और उन्होंने मध्यधार से ही पानी पिलाने की आवाज लगाई थी, जिसे सुनकर बाबा मुकुंदवन ने कमंडल में पानी लेकर यमुना की तेज धार पर चल कर गोस्वामी तुलसीदास को पानी पिलाकर तृप्त किया था। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इतने पावन स्थान को यदि उस प्रकार से लोकप्रियता हासिल नहीं हुई जिस प्रकार से अन्य तीर्थस्थलों को ख्याति मिली तो इसके लिए यहां का भौगोलिक क्षेत्र कसूरवार रहा है।
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सांसद रामशंकर कठेरिया ने लिया संकल्प-

पंचनदा पर बांध निर्माण की सबसे पहली योजना 1986 में बनी थी लेकिन हकीकत में इस पर कोई प्रगति नहीं हो सकी। पंचनदा को पर्यटन केंद्र के रूप मे स्थापित कराने की दिशा में इटावा संसदीय सीट के पूर्व सांसद अशोक दोहरे ने भी खासी दिलचस्पी दिखाई थी, जिसके बाद तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अफसरों की एक अहम टीम के साथ पंचनदा का हवाई सर्वेक्षण भी किया था। अब रामशंकर कठेरिया ने पंचनदा के विकास का जिम्मा उठाया है। इटावा सफारी पार्क मे पौधारोपण करने पहुचे सांसद रामशंकर कठेरिया ने कहा कि उनका इरादा सदियों से उपेक्षा की शिकार पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा की सीरत बदलने का है।
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आईआईटी रुड़की को प्रोजेक्ट का जिम्मा-
रामशंकर कठेरिया ने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि औरैया, इटावा, जालौन की सीमा पर मिलने वाली पांच नदियों के संगम पर पर्याप्त पानी है। यहां बैराज बनाकर छोटी-छोटी कई नहरें निकाली जा सकती हैं। जो बुंदेलखंड सहित कई जनपदों के लोगों को सिचाई के लिए व पीने के लिए पानी व बिजली आदि की सुविधा मुहैया करा सकती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करीब 2600 करोड़ रुपये के बजट तैयार किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से पंचनद पर बैराज बनाए जाने की स्वीकृति दिए जाने की मांग की है, जिसके इसी साल पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आईआईटी रूडकी तीन महीने में भीतर तैयार करने के लिए कहा गया है। उम्मीद है कि तीन महीने के भीतर आईआईटी रूडकी के इंजीनियर एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करके जो यहॉ की जनता के पंसद का तो होगा ही साथ ही क्षेत्र की आवश्यकताओ की पूर्ति करता हुआ दिख रहा होगा।
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पर्यटन के साथ व्यापारिक गतिविधियों में होगा इजाफा-
पंचनद पर बैराज निर्माण होने से सिचाई और पीने के पानी सहित बिजली उत्पादन का यहां की जनता को लाभ मिलेगा । भौगोलिक स्थिति को देखते हुये मध्यप्रदेश से भी जुड़ाव हो सकेगा । जो पर्यटन के साथ-साथ व्यापारिक दृष्टिकोण के लिये काफी लाभदायी होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरे होते ही बीहड़ क्षेत्र भी हरा भरा होकर समृद्धि से लहलहाता दिखाई देगा।
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सीएम योगी बना रहे है पर्यटन केंद्र-
पिछले साल एक जून को इटावा दौरे के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चंबल के बीहड़ों में स्थापित दुनिया के पांच नदियों के संगम पंचनदा को पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के ऐलान के बाद बीहडांचल में खुशी की लहर दौड़ गई थी। अर्से से उपेक्षा के शिकार पंचनदा को लेकर किसी मुख्यमंत्री ने पहली दफा इसको पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने का ऐलान कर इलाकाई लोगों मे खुशहाली का एहसास कराया है। पर्यटन विभाग पंचनदा को पयर्टन केंद्र के रूप में स्थापित करने की प्रकिया में बड़ी ही तेजी से जुटा है । हाल-फिलहाल 3 करोड 50 लाख रुपये से वहां पर घाट, मंदिर जीर्णाेद्धार, सैलानियों के लिए ठहरने का स्थान सहित अन्य सुविधाओं का कार्य कराया जाएगा।

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