बिहार के जिला भागलपुर में जन्में शिक्षक राजकिशोर गुप्ता बताते हैं कि आंखों में रोशनी न होने से घर और समाज की बातें जब उन्हें कुंठा ग्रस्त करने लगीं तो उन्होंने शिक्षित होकर अपने जीवन को रोशन करने की ठान ली और गांव के स्कूल में पढ़ने जाने लगे। इसके बाद लखनऊ और कानपुर में बीए तक की पढ़ाई करने के समय ही उन्हें 1994 में इटावा जनपद में सेवा संकल्प समिति के विद्यालय में शिक्षण कार्य करने का मौका मिला। पांच साल बाद जब समिति ने विद्यालय का सहयोग बंद कर दिया और विद्यालय बंद होने की कगार पर पहुंच गया तो राजकिशोर ने इस विद्यालय को बंद होने से बचाने के प्रयास शुरू कर दिए और शहर के लोगों से सम्पर्क कर जैसे तैसे विद्यालय को फिर से खड़ा कर दिया।
इसके बाद से आज तक वह इस विद्यालय का सहयोग बंद कर दिया और विद्यालय बंद होने की कगार पर पहुंच गया तो राजकिशोर ने इस विद्यालय को बंद होने से बचाने के प्रयास शुरू कर दिए और शहर के लोगों से सम्पर्क कर जैसे तैसे विद्यालय को फिर से खड़ा कर दिया। वह यहां पर नेत्रहीन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। यही नहीं अब उन्होंने विद्यालय में बच्चों को रहने की सुविधा देकर भी उन्हें शिक्षित कर रहे हैं।
मदर टेरेसा व बाबा आमटे से बहुत कुछ सीखा
शिक्षक राजकिशोर बताते हैं कि उन्होंने अपने शिक्षण काल में मदर टेरेसा व बाबा आमटे से भी मुलाकात की। जब उन्होंने मदर टेरेसा से समाज सेवा के क्षेत्र में उतरने की बात की तो उन्होंने कहा कि यह रास्ता कठिन है और रास्ते में बहुत से लोग ऐसे मिलेंगे जो काम में रोड़ा भी बनेंगे और बुरा भला भी कहेंगे। इसपर उन्होंने कहा कि जीवन में न देख सकने से बड़ी कोई परेशानी नहीं हो सकती। तब मदर टेरेसा ने उन्हें बहुत सी वह बातें बताई जिनसे प्रेरित होकर आज वह अपनी ही तरह नेत्रहीन बच्चों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखा पा रहे हैं।
इंटरमीडिएट तक की शिक्षा उपलब्ध कराने का है सपना
शिक्षक राजकिशोर गुप्ता बताते हैं कि उनका सपना है कि वह अपने स्पर्श अंध विद्यालय में बच्चों को इंटरमीडिएट तक की शिक्षा उपलब्ध करा सकें। अभी विद्यालये में कक्षा सात तक की शिक्षा बच्चों को वह प्रदान कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने शहरवासियों और दानदाताओं की मदद से विद्यालय की कमेटी के नाम से शहर में जमीन भी ले ली है लेकिन शासन प्रशासन से कोई मदद न मिल पाने के चलते विद्यालय की इमारत का निर्माण नहीं हो पा रहा है। वह चाहते हैं कि शासन इस क्षेत्र में उनकी मदद करे।