scriptचंबल संग्रहालय का होगा उद्घाटन, इतिहास का दिखेगा अनूठा संगम | Chambal Archives inauguration in Etawah | Patrika News

चंबल संग्रहालय का होगा उद्घाटन, इतिहास का दिखेगा अनूठा संगम

locationइटावाPublished: Sep 25, 2018 10:39:48 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

चंबल की विरासत को समेटे अपने ढंग के पहले संग्रहालय का उद्घाटन बुधवार को किया जाएगा।

Chambal Archives

Chambal Archives

इटावा. चंबल की विरासत को समेटे अपने ढंग के पहले संग्रहालय का उद्घाटन बुधवार को किया जाएगा। महान क्रांतिकारी पत्रकार कर्मवीर सुंदरलाल के जन्मदिवस पर होने वाले इस आयोजन में कई राज्यों से आ रहे विद्वान व मेहमान शिरकत करेंगे।
इटावा शहर के चौगुर्जी इलाके के 40 न्यू कालोनी में मुट्ठी भर लोगों के प्रयासों से शुरू किए गए इस संग्रहालय में बीहड़ की विरासत को सहेजकर रखने का काम शुरू किया गया है। इस संग्रहालय का उद्घाटन कार्यक्रम 26 सितंबर बुधवार को पक्का तालाब स्थित होटल चाणक्य के सभागार में किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरूआत 11 बजे होगी।
इसमें सार्क यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रो. धनंजय त्रिपाठी, राष्ट्रीय अभिलेखागार से अभिलेखीय अधिकारी डा. प्रदीप कुमार, प्रो. प्रियरंजन, कर्मवीर सुंदरलाल के पौत्र अनवर नकवी,प्रसिद्ध कवि महेश कटारे सुगम भाग लेंगे । कार्यक्रम में 1857 और पचनद घाटी के रणबांकुरे पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा।
चंबल संग्रहालय उद्घाटन समारोह समिति में शामिल किशन पोरवाल, दिनेश शाक्य, बृजेंद्र गुप्ता, प्रेमशंकर यादव, अनुराग असफल, आनंद कुशवाहा, केपी सिंह, डॉ. कुश चतुर्वेदी, इंजी. योगेश यादव, जीशान अख्तर, रौली यादव आदि ने लोगों से बड़ी संख्या में इसमें भाग लेने की अपील की है।
चंबल संग्रहालय में अब तक करीब 14 हजार पुस्तकें, सैकड़ों दुर्लभ दस्तावेज, विभिन्न रियासतों के डाक टिकट, विदेशों के डाक टिकट, राजा भोज के दौर से लेकर सैकड़ों प्राचीन सिक्के, सैकड़ों दस्तावेजी फिल्में आदि उपलब्ध हो चुके हैं। संग्रहालय में आठ कांड रामायण से लेकर रानी एलिजाबेथ के दरबारी कवि की 1862 में प्रकाशित वह किताब भी मौजूद है, जिसके हर पन्ने पर सोना है। यहां दुर्लभ और दुनिया के सबसे पुराने स्टांप, डाक टिकट भी होंगे । इसके साथ ही यहां ब्रिटिश काल से लेकर दुनिया भर के करीब चालीस हजार डाक टिकट मौजूद हैं । इसके अलावा संग्रहालय में करीब तीन हजार प्राचीन सिक्कों का कलेक्शन भी किया जा चुका है । चंबल संग्राहलय को सहयोग और शोध के लिए विदेशों से भी लोग संपर्क कर रहे हैं। यह वाकई सुखद है कि जहां सिर्फ बदहाली और डकैतों के खौफनाक किस्से हैं, उस हिस्से में संग्राहलय बन चुका है।
संग्रहालय समाज में बिखरे अमूल्य ज्ञान स्रोत सामग्री सहेजने के मिशन में जुटा है, जहां से भी बौद्धिक संपदा मिलने की रोशनी दिखती है, संग्रहालय उन सुधी जनों से संपर्क कर रहा है । दुर्लभ दस्तावेज, लेटर, गजेटियर, हाथ से लिखा कोई पुर्जा, डाक टिकट, सिक्के, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिका, पुस्तकें, तस्वीरें, पुरस्कार, सामग्री-निशानी, अभिनंदन ग्रंथ, पांडुलिपि आदि है ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो